डिजिटल पालने में झूलेंगे पालनहार
लखनऊ : विज्ञान के इस युग में हमने लगभग आकाश को भी जीत लिया है, लेकिन हमारी परंपराएं और संस्कृति हमें
लखनऊ : विज्ञान के इस युग में हमने लगभग आकाश को भी जीत लिया है, लेकिन हमारी परंपराएं और संस्कृति हमें वर्तमान में भी थाली के पानी में चांद को देखने को आतुर करती हैं। श्रीकृष्ण की लीलाएं हमें वर्तमान समय में भी उतनी प्रभावित करती हैं जितनी पहले करती थीं। गुरुवार को जन्माष्टमी को लेकर नवाबी शहर तैयार है। गुरुवार को मध्यरात्रि में न केवल झांकी में उनका जन्म होगा बल्कि डिजिटल पालने में उन्हें झुलाया भी जाएगा।
आधुनिकता की चादर में लिपटे शहर में डिजिटल श्री कृष्ण जन्मोत्सव को लेकर समितियां तैयार हैं। न्यू गणेशगंज में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की डिजिटल झांकी श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचेगी। डिजिटल पालने में कान्हा की अठखेलियां श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचेंगी। भगवान श्रीकृष्ण कालिया नाग मर्दन करते दिखेंगे तो कहीं गोवर्धन उठाए हुए और माखन चुराते बाल-ग्वालों के संग लीला करते दिखेंगे। रिजर्व पुलिस लाइन मैदान में कन्हैया का जन्म, यमुना पार करने केदृश्यों की झांकी के अलावा कालिया नाग पर नृत्य की झांकी लोगों को अपनी ओर खींचने को तैयार है। मथुरा-वृंदावन के कलाकारों के अलावा शहर के भी कलाकारों की प्रस्तुतियां भी होंगी।
श्रीराधा-कृष्ण मंदिर में खास इंतजाम
बख्शी का तालाब स्थित बांके बिहारी मंदिर में जहां मथुरा का नजारा दिखेगा तो सुलतानपुर रोड स्थित इस्कॉन मंदिर में 1.4 लाख रुपये के आभूषण से श्रीराधा-कृष्ण का श्रंगार होगा। नरही स्थित श्री राधाकृष्ण मंदिर में भी विशेष महाआरती के साथ आयोजन होगा। इसके साथ ही चंद्रिका देवी के पास स्थित श्री खाटू श्याम मंदिर, यहियागंज स्थित बिहारी जी मंदिर, बीरबल साहनी मार्ग स्थित श्री खाटू श्याम धाम में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर श्याम बाबा का कुंतलों फूलों से श्रंगार के साथ भजन संध्या होगी। यहां केक भी काटा जाएगा। गुब्बारों से झांकी सजाई जाएगी। फैजाबाद रोड स्थित रवींद्र पल्ली के कालीबाड़ी मंदिर में कान्हा का जन्म होगा। महानगर के 35वीं वाहिनी पीएसी, रेलवे सुरक्षा बल अकादमी व उसके सामने, चंदरनगर, इंद्रेश्वर मंदिर व तुलसी मानस मंदिर समेत कई स्थानों पर झांकियां तैयार हो चुकी हैं। डालीगंज के श्री माधव मंदिर तैयारियां पूरी हो गई हैं। यहां 1100 गुब्बारों एलईडी लाइटों की रोशनी के बीच भगवान श्रीकृष्ण का जन्म होगा और 56 भोग वितरण किया जाएगा। यहां 15 फीट की ऊंचाई पर मटकी फोड़ प्रतियोगिता होगी।
छठ तक होंगे विविध आयोजन
विकास के दौर में भी हमारे त्योहार न केवल हमें अपने अतीत की याद दिलाते हैं बल्कि अपनी परंपराओं से परिचित कराने का भी काम करते हैं। आधुनिकता के रंग में परंपरा को दिखाकर युवाओं को आकर्षित करने की पहल शुरू हुई है। न्यू गणेशगंज में 25 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से लेकर अगले छह दिनों तक यहां विशेष आयोजन होंगे। संयोजक अनुपम मित्तल ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्म हो या फिर कालिया नाग मर्दन हो, ग्वालों के संग माखन चोरी हो या मां से चंद्रमा को मांगने का प्रसंग हो। सभी प्रसंग यहां सजीव दिखेंगे। हर दिन रात आठ से मध्यरात्रि 12 बजे तक श्रद्धालु झांकी का अवलोकन कर सकेंगे।
रोहिणी नक्षत्र के संग अष्टमी का मान
गुरुवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र और अष्टमी का योग एक साथ है। दो योगों के समागम से भगवान का जन्म मनाना और व्रत रहना श्रेयस्कर रहेगा। पं.राधेश्याम शास्त्री ने बताया कि दोनों योग एक साथ काफी समय बाद पड़ रहा है। गुरुवार को रात्रि 8:09 बजे तक अष्टमी रहेगी और मध्यरात्रि 12 बजे तक रोहिणी नक्षत्र रहेगा। साधु और गृहस्थ एक साथ श्री कृष्ण जन्माष्टमी मना सकेंगे।
आज होंगे कार्यक्रम
-भजन संध्या कालीबाड़ी मंदिर रवींद्रपल्ली-रात्रि आठ बजे
-भजन संध्या व सोहर गायन न्यू गणेशगंज-रात्रि आठ बजे
-भजनामृत श्री माधव मंदिर डालीगंज-रात्रि आठ बजे
-श्री राधा-कृष्ण संकीर्तन इस्कॉन मंदिर चारबाग व सुल्तानपुर रोड-रात्रि नौ बजे
-भजन संध्या रिजर्व पुलिस लाइन-नौ बजे
-भजन संध्या श्री खाटू श्याम मंदिर, बीरबल साहनी मार्ग-रात्रि नौ बजे
-भजन व महाआरती श्री राधा-कृष्ण मंदिर नरही-रात्रि नौ बजे