जागरण फोरम-भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने खूब दिये जनता के सवालों के जवाब
जागरण फोरम में लोगों के सवालों का जवाब देते हुए शाह ने यह भी संकेत दे दिया कि तुष्टीकरण भी उनके चुनावी एजेंडे का मुद्दा हो सकता है।
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश चुनाव की घोषणा से पहले ही भाजपा में भी मुख्यमंत्री पद को लेकर शुरू हुई दबी छुपी दावेदारी पर तो भाजपा अध्यक्ष अमित शाह वक्त आने पर ही कदम उठाएंगे लेकिन उससे पहले उन्होंने यह जरूर स्पष्ट कर दिया है कि जो भी भाजपा का मुख्यमंत्री होगा वह विकास से नहीं भटकेगा। यह एक संकेत के रूप में देखा जा सकता है कि अवसर आया तो पार्टी ऐसे नेता को आगे बढ़ाएगी जो इस मानक पर खरा उतरेगा। जागरण फोरम में लोगों के सवालों का जवाब देते हुए शाह ने यह भी संकेत दे दिया कि तुष्टीकरण भी उनके चुनावी एजेंडे का मुद्दा हो सकता है।
यह स्पष्ट है कि भाजपा फिलहाल अपने मुख्यमंत्री उम्मीदवार को लेकर कोई निर्णय नहीं ले पाई है। जो हालात है उसमें यह फैसला आसान भी नहीं होने वाला है। लिहाजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शाह ने यह भरोसा दिलाने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली है कि भाजपा की सरकार बनी तो विकास की गारंटी वह देंगे। ध्यान रहे कि इसी महीने इलाहाबाद कार्यकारिणी के बाद प्रयाग की रैली में खुद मोदी ने जवाबदेही की बात कही थी।
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सोमवार को शाह ने भी दर्शकों के एक सवाल के जवाब में इसी तरह की गारंटी दी। वहीं एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि भाजपा जाति पाति और धर्म के नाम पर विकास से सहमत नहीं है। उनसे सवाल पूछा गया था कि अल्पसंख्यक और अतिअल्पसंख्यक वर्ग के लिए उनकी पार्टी क्या करेगी। शाह ने खरे खरे शब्दों में कहा- बिजली अल्पसंख्यक या बहुसंख्यक का नेमप्लेट देखकर उनके घर नहीं जाएगी। हमारे काल में सबका साथ और सबका विकास होता है। परोक्ष तौर से संकेत था कि भाजपा सपा सरकार से यह जरूर पूछेगी कि उनके काल में अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक को लेकर नजरिया अलग क्यों होता है। योजनाएं एक समान क्यों नहीं लागू हो सकती है।
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शाह से पेंशन के बाबत भी सवाल पूछा गया था। उन्होंने तत्काल कहा- 'अगर केंद्र सरकार के पेंशन की बात कर रहे हो तो मोदी सरकार ने न्यूनतम हजार रुपये पेंशन की व्यवस्था कर दी है। और अगर राज्य सरकार मसला है तो पहले उत्तर प्रदेश मे सरकार बनवाओ और फिर सवाल पूछने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। 'कुछ अन्य सवालों के जवाब में शाह ने स्पष्ट किया कि दलहन की कमी जैसे मुद्दों से निपटने के लिए इस बार समय रहते कदम उठाए जा चुके हैं। भ्रष्टाचार मुक्त शासन भाजपा की विशेषता है, केंद्र में यह फिर से स्थापित किया जा चुका है। अब उत्तर प्रदेश को इससे मुक्ति दिलाई जाएगी।