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अखिलेश सरकार ने किसान हित में पेश किया अनुपूरक बजट

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आज विधानसभा में चालू वित्तीय वर्ष के लिए दूसरा अनुपूरक बजट प्रस्तुत करेंगे। दूसरे अनुपूरक बजट का आकार लगभग 27 हजार करोड़ रुपये होने की संभावना है। अनुपूरक बजट सूखाग्रस्त जिलों में किसानों को राहत देने और कर्ज के भारी बोझ तले दबी बिजली वितरण कंपनियों को उज्ज्वल

By Ashish MishraEdited By: Published: Thu, 11 Feb 2016 09:43 AM (IST)Updated: Fri, 12 Feb 2016 12:14 AM (IST)
अखिलेश सरकार ने किसान हित में पेश किया अनुपूरक बजट

लखनऊ। आम बजट से एक दिन पहले सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए 27,758.98 करोड़ रुपये का दूसरा अनुपूरक अनुदान बजट विधानसभा में बसपा, भाजपा व कांग्रेस की गैरमौजूदगी में पारित कराया। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विपक्ष के रवैये को गैर जिम्मेदाराना बताते हुए अनुपूरक बजट को किसान हित में जरूरी बताया। उनका कहना था कि सरकार की प्राथमिकता में किसान सर्वोपरि रहे हैं। सूखे से पीडि़त किसानों को राहत दिलाने में कमी न आने देने के लिए ही बजटीय व्यवस्था की जा रही है। चालू वित्तीय वर्ष में पहला अनुपूरक बजट गत 17 अगस्त 2015 को पेश किया गया था।

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मुख्यमंत्री ने अनुपूरक बजट पेश करते हुए बताया कि सूखा झेल रहे बुंदेलखंड के किसानों को राहत देने व भारी कर्ज के बोझ तले दबी बिजली वितरण कंपनियों का खासा ख्याल रखा गया है। बिजली वितरण कंपनियों को उज्जवल डिस्कॉम इश्योरेंस योजना (उदय) के जरिए राहत दी जाएगी। केंद्र सरकार ने सूबे में सूखे से प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए हाल ही में धनराशि स्वीकृत करने का एलान किया है। केंद्र से मिलने वाली धनराशि को बांटने के लिए अनुपूरक बजट में प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री ने किसानों को राहत देने में बिहार व मध्यप्रदेश से तुलना करते हुए कहा कि इतनी जल्दी एवं बड़ी धनराशि किसानों को आपदा राहत में कहीं नहीं बांटी गयी। आत्महत्या करने पर किसानों के आश्रितों को सर्वाधिक वित्तीय सहायता उप्र में ही दी गयी। उन्होंने मथुरा में ओलाव़ृष्टि से नुकसान का हवाला देते हुए कहा कि इतनी तेजी राहत वितरण की कार्यवाही कहीं नहीं हो सकती।

कंप्यूटर से दुश्मनी न रखें

मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा प्रस्तुत बजट खर्च के आकंड़ों को पुराने बताते हुए कहा कि कंप्यूटर से दुश्मनी न करें, ताजा आंकड़े देखेंगे तो असल तस्वीर मिलेगी।

खजाने की बंदरबांट होगी

इससे पूर्व विपक्ष ने अनुपूरक बजट के औचित्य पर ही सवाल खड़े किए। नेता विरोधी दल स्वामी प्रसाद मौर्य ने जनवरी माह के अंत तक कृषि, पंचायतीराज, ग्राम विकास, पशु पालन एवं मत्स्य विकास जैसे किसानों से जुड़े विभागों में बजट खर्च नहीं करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और किसान वर्ष मनाने को धोखा करार दिया। आरोप लगाया कि अब डेढ़ माह में हजारों करोड़ रुपयों को ठिकाने लगाने में घोटाले होंगे। बसपा सदस्यों ने सरकार विरोधी नारे लगाते हुए बहिर्गमन भी किया। भाजपा के सुरेश खन्ना भी बजट से एक दिन पहले अनुपूरक लाने के विरोध में बोले और सहयोगियों के साथ सदन से उठकर चले गए। कांग्रेस सदस्यों ने भी यही प्रक्रिया दोहरायी। प्रदीप माथुर भी अनुपूरक बजट को खारिज करते हुए कांग्रेस सदस्यों के साथ सरकार विरोधी नारेबाजी करते वाकआउट कर गए।

विधान परिषद में भी हंगामा

विधान परिषद में नेता सदन अहमद हसन ने अनुपूरक बजट पेश किया। भोजनावकाश के बाद कार्यवाही शुरू होने पर वेल में धरने पर बैठे निर्दल समूह व भाजपा के सदस्य और सत्तापक्ष के देवेंद्र प्रताप सिंह सभापति के आसन के सामने खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। विधानसभा से पारित अनुपूरक बजट को शोरशराबे के बीच ही विधान परिषद में भी ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।

दूसरा अनुपूरक बजट-मुख्य मदें

  • बिजली वितरण कंपनियों को अनुदान, अंशपूंजी और ऋण के रूप में अंतरित की जाने वाली धनराशि - 26606 करोड़ रुपये
  • किसानों को सूखे से राहत के लिए - 904.52 करोड़ रुपये
  • गैर लाइसेंस जिला सहकारी बैंकों को रिजर्व बैंक से लाइसेंस प्राप्त करने के लिए अंशपूजी देने के लिए - 248.45 करोड़ रुपये
आखिरी बजट में बाजीगरी

एक साल के फासले पर खड़े विधानसभा चुनाव को साधने के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शुक्रवार को अपनी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट पेश करते हुए एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश करेंगे। जनता के बीच समाजवादी सरकार की साख बचाने और बनाने की की भरपूर कोशिश के बीच बजट के जरिये बुनियादी ढांचे के विकास को रफ्तार देने के साथ उनका फोकस गांवों की तरक्की और सामाजिक सेक्टर पर भी होगा। बजट में नई योजनाओं का तड़का भी लगाएंगे। तकरीबन 3.48 लाख करोड़ के आकार के बजट का खाका खींचने में बतौर वित्त मंत्री उन्होंने कैसी बाजीगरी दिखायी, शुक्रवार को इस पर निगाहें होंगी।

बुनियादी ढांचे पर फोकस बरकरार

समाजवादी सरकार की सर्वाधिक प्रचारित आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे परियोजना को सरकार का कार्यकाल खत्म होने से पहले चालू करने के लिए बजट में तीन हजार करोड़ रुपये से अधिक रकम के आवंटन के आसार हैं। इसके विस्तार के तौर पर लखनऊ को बलिया से जोडऩे के लिए प्रस्तावित समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस का निर्माण भी सरकार अपना कार्यकाल खत्म होने से पहले शुरू करना चाहेगी जिसके लिए बजट में लगभग 500 करोड़ रुपये की धनराशि का इंतजाम किया जाएगा। लखनऊ मेट्रो को चालू करने के लिए लगभग 600 करोड़ रुपये के आवंटन की संभावना है। कानपुर और वाराणसी में भी मेट्रो रेल का कामकाज शुरू करने के लिए बजट में प्रावधान के आसार हैं।

किसान-नवजवान पर डोरे

प्रदेश में किसानों और नवजवानों की बड़ी आबादी के मद्देनजर बजट के जरिये इन दो वर्गों को रिझाने की भरपूर कोशिश होगी। कृषक दुर्घटना बीमा योजना के स्थान पर बजट में अवतरित होने वाली मुख्यमंत्री सर्वहित बीमा योजना के जरिये सरकार बड़ा दांव चलने जा रही है। मुख्यमंत्री खाद्य प्रसंस्करण मिशन बिजली की दिक्कत और सूखे की मार के मद्देनजर किसानों के लिए सोलर फोटोवोल्टाइक सिंचाई पंप मुहैया कराने के लिए बजट में रकम की व्यवस्था की जाएगी। नवजवानों पर डोरे डालने के लिए बजट के जरिये लांच की जाने वाली मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार गारंटी योजना पर भी निगाहें होंगी।

गांवों की फिक्र

बजट में गांवों के विकास को भी अहमियत दी जाएगी। मुख्यमंत्री की पहल पर लांच होने जा रही 'आइ स्पर्शÓ (इनिशिएटिव ऑफ समाजवादी पार्टी एंड अखिलेश यादव रूरल सस्टेनेबल होम्स) योजना के लिए भी बजट में रकम का इंतजाम होगा। ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल और सिंचाई पर बजट में खासा जोर होगा।

सामाजिक सेक्टर को तवज्जो

विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पिछले दो साल से ठप पड़ी गरीबों की बेटियों की शादी के लिए अनुदान योजना को फिर शुरू करेगी। वहीं वरिष्ठ नागरिकों की सुविधाओं का ख्याल रखने के लिए भी बजट में एलान हो सकते हैं। हथकरघा बुनकरों के लिए पेंशन योजना का आगाज हो सकता है।

समाजवाद का चटख होगा रंग

चुनावी साल में बजट पर समाजवादी मुलम्मा चढ़ाने की पुरजोर कोशिश होगी। समाजवादी नाम से शुरू की गई सरकार की प्राथमिकता वाली पुरानी योजनाओं-समाजवादी पेंशन योजना, समाजवादी आवास योजना, समाजवादी शुद्ध पेयजल योजना के लिए भरपूर धनराशि का इंतजाम होगा। वहीं समाजवादी स्वास्थ्य बीमा योजना, समाजवादी पौष्टिक आहार योजना सरीखी नई योजनाओं के लिए भी सरकार बटुआ खोलने में दरियादिली दिखाएगी। समाजवादी सरकार की पहल पर शुरू की गईं लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना, लोहिया ग्रामीण आवास योजना और लोहिया ग्रामीण बस सेवा पर भी नजर-ए-इनायत रहेगी।

प्रदेशवासियों को ज्यादा बिजली

चुनावी साल में प्रदेशवासियों को ज्यादा बिजली देने के लिए ऊर्जा मंत्री का भी दायित्व संभाल रहे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा ऊर्जा क्षेत्र को बजट में खास तव्वजो दिए जाने की पूरी उम्मीद है। विद्युत उत्पादन बढ़ाने के लिए निर्माणाधीन व प्रस्तावित तापीय परियोजनाओं के साथ ही आपूर्ति व्यवस्था सुधारने को ट्रांसमिशन व वितरण लाइनों के काम के लिए बजट में 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की व्यवस्था की जा सकती है। अगले वित्तीय वर्ष के दौरान भी प्रमुख शहरों में बिजली के खंभे गायब कर भूमिगत बिजली के तार बिछाने के लिए 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था रहेगी। बिजली कंपनियों को घाटे से उबारने को नई वित्तीय पुनर्गठन योजना उदय व ऋण आदि के भुगतान के लिए भी बजट में 57274 करोड़ रुपये रखे जा रहे हैं।


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