Five Hour Custody: कुशीनगर कोर्ट ने उतरवाया दारोगा का बिल्ला
कप्तानगंज थानाध्यक्ष जैसराज यादव को कुशीनगर के कसया के ऐसीजेएम आशीष चौरसिया ने हिरासत में लेने का आदेश दिया । कोर्ट के आदेश पर इनका कैप और बिल्ला भी उतार लिया गया।व्यक्तिगत बंध पत्र पर शाम पांच बजे उन्हें रिहा किया गया ।
लखनऊ। कुशीनगर की अदालत में हाजिर न होने पर कप्तानगंज के थानाध्यक्ष जैसराज यादव आज अंतत: फंस गए। चार वर्ष से लंबित वाद में कई वारंट तथा कुर्की जब्ती के आदेश के बाद कसया के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आशीष कुमार चौरसिया के न्यायालय में जमानत हेतु आत्म समर्पण किया तो न्यायाधीश ने अवमानना के आरोप में उन्हें न्यायिक हिरासत में ले लिया। लगभग पांच घंटे तक न्यायिक हिरासत में रहने के बाद 20 हजार की जमानत तथा व्यक्तिगत बंध पत्र पर शाम पांच बजे उन्हें रिहा किया गया। इस बीच न्यायालय की लगातार अवमानना करने वाले दारोगा से नाराज अधिवक्ताओं के उग्र विरोध को देखते हुए पुलिस ने भारी बंदोबस्त के बीच यादव को न्यायालय के पिछले दरवाजे से निकाला। वर्ष 2011 में कसया थाने के गांव पिपरा तिवारी निवासी चंद्रशेखर शुक्ल ने न्यायालय में परिवाद के तहत कसया के तत्कालीन थानाध्यक्ष जैसराज यादव पर मारने, पीटने तथा जानमाल की धमकी देने का आरोप लगाते हुए वाद दायर किया। न्यायालय ने सुनवाई के बाद आरोपी को तलब किया। कई बार के बुलावे के बाद भी जब वे हाजिर नहीं हुए तो कुर्की जब्ती का आदेश दिया लेकिन यह कार्रवाई भी उन्हें हाजिर कराने में असफल रही। न्यायालय ने डीजीपी तथा अन्य पुलिस अधिकारियों को कड़ा पत्र लिखा जिस पर आरोपी थानाध्यक्ष आज न्यायालय में जमानत के लिए उपस्थित हुए। इस बीच अधिवक्ताओं के उग्र विरोध के कारण उन्हें टोपी, बिल्ला और बेल्ट भी उतारना पड़ा। बेल बांड लेने के बाद न्यायालय ने शाम को जब उन्हें रिहा किया तो पुलिस को पीछे के रास्ते से निकालना पड़ा।