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रेल फ्रैक्चरः लकड़ी की तरह टूट रहीं रेल पटरियां

रेलवे की आधुनिक टेक्नोलॉजी भी प्रकृति के आगे बेबस हो जाती हैं। अमौसी में पटरी की वेल्डिंग टूटने जैसी औसतन 30 घटनाएं देशभर के सभी मंडलों में हो रही हैं। रेल और वेल्डिंग फ्रैक्चर के मामले में उत्तर रेलवे सबसे आगे है। उत्तर रेलवे का क्षेत्र उत्तर प्रदेश, पंजाब, दिल्ली,

By Nawal MishraEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2015 08:51 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2015 08:58 PM (IST)
रेल फ्रैक्चरः लकड़ी की तरह टूट रहीं रेल पटरियां

लखनऊ (निशांत यादव)। रेलवे की आधुनिक टेक्नोलॉजी भी प्रकृति के आगे बेबस हो जाती हैं। अमौसी में पटरी की वेल्डिंग टूटने जैसी औसतन 30 घटनाएं देशभर के सभी मंडलों में हो रही हैं। रेल और वेल्डिंग फ्रैक्चर के मामले में उत्तर रेलवे सबसे आगे है। उत्तर रेलवे का क्षेत्र उत्तर प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, हरियाणा व उत्तराखंड तक है। रेलवे बोर्ड की ज्वाइंट एक्शन रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में सितंबर में रेल फ्रैक्चर के 511 व वेल्डिंग फैक्चर के 542 मामले सामने आए हैं। अक्टूबर में भी कुल 1200 से अधिक रेल और वेल्डिंग फ्रैक्चर हो चुके हैं।

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दरअसल ट्रेनों के संचालन में सबसे अधिक खतरा रेल फ्रैक्चर और वेल्डिंग फ्रैक्चर से होता है। गर्मी में पटरियां फैलती हैं जबकि सर्दियों में सिकुड़ती है। रेलवे के पास गर्मी में पटरियों को उनके जोड़ से काटकर गैप देने और सर्दियों में गैप के भीतर टुकड़ा जोड़कर उनकी क्लीपिंग करने की डिस्ट्रेसिंग तकनीक है। सर्दी में पटरियां वेल्डिंग वाले हिस्से को छोड़ देती हैं, जिससे उनके बीच अंतराल आ जाता है। ऐसे में उनके ऊपर से किसी ट्रेन के गुजरने से यह अंतराल और अधिक बढ़ जाता है। दो साल पहले गर्मी में जौनपुर के पास दून एक्सप्रेस और कानपुर के पास कालका मेल का हादसा पटरियों के फैलाव के कारण हुआ था। फिलहाल रेलवे ने सर्दी आते ही पटरियों के सिकुडऩे की घटनाओं को देखते हुए कीमैन की ड््यूटी सुबह चार बजे से लगाने के निर्देश जारी कर दिए हैं, जिससे जिन सेक्शन पर पटरियां चिटकी हों, वहां की सूचना तुरंत कंट्रोल रूम को दी जा सके। पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल प्रशासन ने भी अपनी ट्रेनों को 15 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से चलाने के निर्देश दिए हैं। रेलवे बोर्ड की सितंबर और अक्टूबर की रिपोर्ट के अनुसार इन दो महीनों में 2500 से अधिक रेल फ्रैक्चर और वेल्डिंग फ्रैक्चर हो चुके हैं।

सितंबर में कहां कितने फ्रैक्चर

जोन रेल फ्रैक्चर वेल्डिंग फ्रैक्चर

उत्तर रेलवे 113 42

एनसीआर 29 15

पूर्वोत्तर रेलवे 24 3

मध्य रेलवे 40 36

पूर्वी मध्य रेलवे 65 25

पूर्वी सीमांत रेलवे 25 75

पूर्वी रेलवे 31 4

उत्तर पश्चिम रेलवे 16 18

दक्षिण रेलवे 42 57

दक्षिण मध्य रेलवे 29 93

दक्षिण पूर्वी रेलवे 22 8

दक्षिण पूर्वी मध्य रेलवे 46 100

दक्षिण पश्चिम रेलवे 13 34

पश्चिम रेलवे 11 22

पश्चिम मध्य रेलवे 1 3

उत्तर सीमांत रेलवे 5 7

मंत्रालय ने मांगी जांच रिपोर्ट

अमौसी और पिपरसंड स्टेशन के बीच वेल्डिंग फ्रैक्चर के बाद पटरी का 59 सेंटीमीटर का हिस्सा टूटने की घटना से रेल मंत्रालय में हड़कंप मच गया है। यह अब तक का सबसे बड़ा रेल फ्रैक्चर माना जा रहा है। मंत्रालय ने लखनऊ के अधिकारियों से मामले की जांच रिपोर्ट मांगी है। सभी जोनल और मंडल मुख्यालयों को आदेश देकर अपने यहां वेल्डिंग की स्थिति और पटरियों की गुणवत्ता की जांच करने को कहा है। उत्तर रेलवे के मुख्य अभियंता की ओर से जारी आदेश के बाद मंडल के संरक्षा अनुभाग को जांच कर अपनी रिपोर्ट देने का जिम्मा सौंपा गया है।


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