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उत्तर प्रदेश के आयकर दफ्तरों में काम बंद, नहीं खुले ताले

राज्य के सभी आयकर दफ्तरों में गुरुवार को काम बंद रहा। आयकर कर्मचारी महासंघ व आयकर राजपत्रित सेवा संघ की संयुक्त कार्य परिषद के आह्वान पर प्रदेश के 6800 अधिकारी-कर्मचारी हड़ताल पर रहे। इस कारण कई दफ्तरों में तो ताले तक नहीं खुले।

By Nawal MishraEdited By: Published: Thu, 08 Oct 2015 07:45 PM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2015 07:49 PM (IST)
उत्तर प्रदेश के आयकर दफ्तरों में काम बंद, नहीं खुले ताले

लखनऊ। राज्य के सभी आयकर दफ्तरों में गुरुवार को काम बंद रहा। आयकर कर्मचारी महासंघ व आयकर राजपत्रित सेवा संघ की संयुक्त कार्य परिषद के आह्वान पर प्रदेश के 6800 अधिकारी-कर्मचारी हड़ताल पर रहे। इस कारण कई दफ्तरों में तो ताले तक नहीं खुले।

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अपनी तमाम मांगों के लिए लंबे समय से आंदोलित आयकर अधिकारियों-कर्मचारियों ने गुरुवार को सामूहिक अवकाश लेकर काम बंद कर दिया। आयकर कर्मचारी महासंघ के महासचिव जेपी सिंह ने बताया कि वर्ष 2013-14 में आयकर विभाग के स्वरूप के पुनर्गठन की अनुमति इस आशय से दी गयी थी कि विभाग नए व्यापारिक परिदृश्य में प्रभावशाली ढंग से काम कर सके। इसके लिए 20,751 नए पद भी सृजित किए गए। इसके बावजूद महज चार प्रतिशत आइआरएस अधिकारी अन्य कर्मचारियों व अधिकारियों का हित मार रहे हैं। शेष 96 प्रतिशत कर्मचारियों-अधिकारियों ने राजस्व जुटाने की जिम्मेदारी संभाल रखी है। इसके बावजूद उनकी समस्याओं का समाधान न होने से काम प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि पदोन्नति के लिए आयकर अधिकारियों की कमी नहीं है किन्तु पिछले दो वर्षों से इस ओर प्रयास ही नहीं किए गए हैं। आइआरएस अफसरों ने दिल्ली में रहने के लिए कई निदेशालय सृजित कर लिये, किन्तु उनका उपयोग नहीं हो रहा है। यदि मांगें न मानी गईं तो इसका असर राजस्व संकलन पर पड़ेगा, जिसके लिए अधिकारी पूरी तरह जिम्मेदार होंगे। जेपी सिंह ने बताया कि हड़ताल की सफलता के बाद 11 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्तर पर बैठक कर आगे आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी। राजधानी में आयकर मुख्यालय परिसर में दिन भर धरना-प्रदर्शन भी हुआ। इस दौरान रंजन श्रीवास्तव, रूप सक्सेना, चित्रसेन सिंह, संजय पांंडेय, अनुपम मिश्र आदि भी उपस्थित रहे।

इन मांगों के लिए आंदोलन

  • कर्मचारियों को काम के लिए बैठने का उपयुक्त स्थान, कंप्यूटर सहित न्यूनतम इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराया जाए
  • स्टेशनरी आदि की व्यवस्था की जाए और दैनिक वेतन भोगी का भुगतान समय पर हो
  • विभाग में हर स्तर पर रिक्त चल रहे तीस से चालीस प्रतिशत पदों को समयबद्ध ढंग से अभियान चलाकर भरा जाए
  • मानकों के अनुरूप सहायक आयकर आयुक्त के 50 प्रतिशत पद प्रोन्नति के माध्यम से भरना सुनिश्चित किया जाए

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