प्रतिभा से बदल डालें आजमगढ़ के प्रति लोगों की सोचः शबाना
बेहद सरल व संक्षिप्त लेकिन दिल छू लेने वाले संबोधन से अभिनेत्री शबाना आजमी ने महफिल जीत ली। बेशक कामेडियन सुनील पाल ने राज्यस्तरीय बैंडमिंटन चैंपियनशिप के रंगारंग उद्घाटन समारोह में बुधवार की रात सुखदेव पहलवान स्टेडियम में समां बांध दिया था। उसके बाद शबाना के संबोधन ने उसमें चार
लखनऊ। बेहद सरल व संक्षिप्त लेकिन दिल छू लेने वाले संबोधन से अभिनेत्री शबाना आजमी ने महफिल जीत ली। बेशक कामेडियन सुनील पाल ने राज्यस्तरीय बैंडमिंटन चैंपियनशिप के रंगारंग उद्घाटन समारोह में बुधवार की रात सुखदेव पहलवान स्टेडियम में समां बांध दिया था। उसके बाद शबाना के संबोधन ने उसमें चार चांद लगा दिए। उन्होंने आजमगढ़ को आतंकवाद की नर्सरी के रूप में प्रचारित करने को साजिश करार दिया। अपनी प्रतिभा के बल पर जिले की अलग पहचान बनाने का आह्वान किया तो स्टेडियम तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठा। कहा, जिले के लोग कला, साहित्य, खेल, राजनीति या अन्य कि सी भी क्षेत्र से हों अपने शानदार काम से इस दुष्प्रचार को नाकाम कर दें। अभिनेत्री ने कहा कि वह आजमगढ़ की ही बेटी हैं। उन्हें यह बात हमेशा कचोटती है कि जिले की पहचान आतंकवाद के रूप में की जाती है। यह सब साजिश के तहत किया जा रहा है। इसलिए हम सभी की जिम्मेदारी बनती है कि लोगों के जेहन से जिले की इस तस्वीर को बदला जाए। यह काम इस तरह के आयोजनों से ही संभव है। उन्हें आजमगढ़ को बदनाम करने वालों से सख्त नफरत है। इससे उन्हें काफी दुख भी होता है। उन्हें यहां से बेपनाह लगाव है। यहां की प्रतिभाओं ने साबित किया है कि यह देश की आन-बान और शान है। उन्होंने अपने गांव मेजवां का उदाहरण दिया। कहा कि उन्हें फख्र है कि इस छोटे से गांव में बने कपड़े की धूम देश ही नहीं विदेश तक है। अमिताभ, ऐश्वर्या से लेकर प्रियंका चोपड़ा समेत तमाम हस्तियां इनकी दीवानी हैं। शबाना ने अपनी बात को पिता कैफी आजमी के मशहूर शेर- 'प्यार का जश्न नई तरह मनाना होगा, गम किसी दिल में सही, गम मिटाना होगा' से विराम दिया।