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आगरा में फिर सांप्रदायिक टकराव के आसार

फेसबुक तथा वाट्स अप पर टिप्पणी के बाद ताज नगरी आगरा में दो दिन से तनावपूर्ण माहौल के बीच आज शमसाबाद में एक बार फिर सांप्रदायिक टकराव के आसार बन गये हैं। आज कुछ शरारती तत्वों ने धर्म स्थल की बाउंड्री वाल का गुंबद तोड़ दिया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 04 Sep 2015 10:04 AM (IST)Updated: Fri, 04 Sep 2015 10:38 AM (IST)
आगरा में फिर सांप्रदायिक टकराव के आसार

लखनऊ।फेसबुक तथा वाट्स अप पर टिप्पणी के बाद ताज नगरी आगरा में दो दिन से तनावपूर्ण माहौल के बीच आज शमसाबाद में एक बार फिर सांप्रदायिक टकराव के आसार बन गये हैं। आज कुछ शरारती तत्वों ने धर्म स्थल की बाउंड्री वाल का गुंबद तोड़ दिया। जिसके बाद से दोनों संप्रदाय के सैकड़ों लोग फिर मार-पीट करने पर उतारु हो गये हैं।

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शमसाबाद में कल के तनाव के बाद आज भी लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। आज यहां धर्म स्थल की बाउंड्रीवाल की गुम्मद तोड़ दी गई है। इसकी खबर मिलते ही दोनों संप्रदाय के सैकड़ों को लोग एक बार फिर आमने-सामने आ गये। इससे कस्बे में फिर साम्प्रदायिक टकराव के हालात बन गये हैं। एक बार फिर शमशाबाद का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। आज भी वहां उपद्रवियों ने कई स्थानों पर फिर की तोडफ़ोड़ की है। दोनों सम्प्रदाय के लोग भारी संख्या में एकत्रित हैं। पुलिस भी स्थिति नियंत्रित करने में जुटी है। आज एक बार फिर पुलिस ने लाठीचार्ज कर उपद्रवियों को खदेडऩे के बाद कस्बे को बंद करा दिया है। वहां पर सभी दुकानें बंद हैं। इसके साथ ही पुलिस ने करीब आधा दर्जन उपद्रवियों को हिरासत में ले लिया है। आगरा के आला पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर हैं।

कल रात में आगरा के शमसाबाद के संघर्ष के मामले में 404 पर लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। कल फेसबुक पर टिप्पणी को लेकर शमसाबाद में साम्प्रदायिक बवाल हुआ था। कल सुबह से लेकर रात तक शमसाबाद कस्बा छावनी बना था। आज सुबह डीआईजी के साथ एसएसपी मौके पर थे। इस दौरान 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने जिन 404 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है। इनमें 104 नामजद तथा 300 अज्ञात लोग हैं।

बिगड़ते रहे हालात और अफसर करते रहे पंचायत

शमसाबाद में सांप्रदायिक संघर्ष की चिंगारी सुलग रही थी और अफसर थाने में पंचायत कराने में लगे रहे। इसके चलते चिंगारी जैसे ही आग में तब्दील हुई तब अफसर थाने से फोर्स के साथ बाहर निकले। तब तक हालात बेकाबू हो चुके थे। संवेदनशील इलाके में दोनों संप्रदाय के लोगों के बीच पथराव और फायरिंग चरम पर थी। बवाल शांत होने के बाद अफसरों की लापरवाही सबकी जुबान पर थी। शमसाबाद में बवाल की शुरुआत कल सुबह नौ बजे से हो गई थी। एक तरफ से तलवारें और तमंचे लहराते लोग आए तो दूसरी ओर से डंडे लेकर आ गए। पहली बार टकराव में करीब तीस कदम बचे थे, इससे पहले बुजुर्गो ने स्थिति संभाल ली। दूसरी बार दोपहर दो बजे गांधी चौराहे पर धरना व जाम के बाद पथराव से हालात तनावपूर्ण हो गये। दो बजे कस्बे में पहुंचे पुलिस अधिकारी दोनों संप्रदायों के बीच जाने के बजाय थाने पर जाकर बैठ गए। पूर्व विधायक डॉ. राजेंद्र सिंह, भाजयुमो जिलाध्यक्ष सोनू चौधरी और अशोक लवानिया भी थाने पर पहुंच गए। करीब सवा घंटे तक थाने पर अधिकारी पंचायत करते रहे। इसी बीच दाऊजी मंदिर के पास के मोहल्ला टोला की ओर से पथराव और फायरिंग की खबर आ गए। थाने के बाहर खड़े गोपाल पुरा के लोग भी दौड़कर पहुंच गए। इसके बाद अफसरों के हाथ से स्थिति निकल गई। दोनों पक्षों में पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में जमकर पथराव और फायरिंग होती रही। शाम चार बजे डीआइजी लक्ष्मी सिंह मौके पर पहुंचीं और एसएसपी राजेश मोदक को साथ लेकर खुद मोर्चा संभाला। उन्होंने पिस्टल से हवाई फायरिंग कर उपद्रवियों को खदेड़ा। इसके बाद आंसू गैस के गोले दागे। करीब दो घंटे तक गलियों में उपद्रवियों को दौड़ा-दौड़ाकर लाठियां भाजीं। तब जाकर स्थिति नियंत्रण में हुई। शमसाबाद कस्बे के लोग बवाल शांत होने के बाद कह रहे थे कि अगर अधिकारी थाने में बैठकर पंचायत करने के बजाय संवेदनशील इलाके पुलिस फोर्स लगा दिया जाता तो संघर्ष नहीं होता।


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