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बढ़ सकती हैं अमर सिंह की मुश्किलें

मनी लांड्रिंग के दर्ज मुकदमे में पूर्व राज्यसभा सदस्य अमर सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ दायर जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय से पूछा है कि हाईकोर्ट की खंडपीठ द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में उसने क्या कार्रवाई की।

By Ashish MishraEdited By: Published: Thu, 03 Sep 2015 09:34 PM (IST)Updated: Thu, 03 Sep 2015 09:37 PM (IST)
बढ़ सकती हैं अमर सिंह की मुश्किलें

लखनऊ। मनी लांड्रिंग के दर्ज मुकदमे में पूर्व राज्यसभा सदस्य अमर सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ दायर जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय से पूछा है कि हाईकोर्ट की खंडपीठ द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में उसने क्या कार्रवाई की। प्रवर्तन निदेशालय की अपराध शाखा को चार सप्ताह में कोर्ट को इस संबंध में जानकारी मुहैया करानी है।

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अमर सिंह के खिलाफ जनहित याचिका कानपुर के अशोक कुमार सिंह ने दायर की है। इसमें मांग की गयी है कि 15 अक्टूबर 2009 को कानपुर में भ्रष्टाचार निवारण एक्ट व मनी लांड्रिंग कानून के तहत अमर सिंह के खिलाफ दर्ज मुकदमे को जांच के लिए सीबीआई को भेजा जाए। यह भी मांग की गयी है कि रिजर्व बैंक की अनुमति के बिना क्लिंटन फाउंडेशन को एक मिलियन से पांच मिलियन यूएस डालर देने के लिए पूर्व सांसद के खिलाफ फेमा (फारेन मैनेजमेंट एक्ट) 1999 व मनी लांड्रिंग एक्ट के अंतर्गत जांच करायी जाए।

याचिका पर मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ व न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने प्रवर्तन निदेशालय से आवश्यक जानकारियां तलब की हैं। याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट के तीन जजों की पूर्व पीठ ने एक अगस्त 2013 को आदेश दिया था कि प्रवर्तन निदेशालय अमर सिंह के मामले में जांच कर दो माह में रिपोर्ट प्रस्तुत करें। आरोप है कि इस आदेश का अनुपालन नहीं हो पा रहा है।


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