सीएसए यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रो. मुन्ना सिंह का इस्तीफा नामंजूर
राज्यपाल एवं कुलाधिपति राम नाईक ने कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर मुन्ना सिंह का इस्तीफा नामंजूर कर दिया है।
लखनऊ। राज्यपाल एवं कुलाधिपति राम नाईक ने कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर मुन्ना सिंह का इस्तीफा नामंजूर कर दिया है। कुलाधिपति ने यह निर्णय भी किया है कि मुन्ना सिंह का निलंबन और उनके खिलाफ अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति बीडी चतुर्वेदी की अध्यक्षता में चल रही जांच भी जारी रहेगी। कुलाधिपति के आदेशों की अवहेलना के कारण मुन्ना सिंह को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है।
ध्यान रहे, चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के कुलपति ने विगत महीनों में शिक्षकों आदि की नियुक्ति के लिए चयन प्रकिया संपन्न की थी। विश्वविद्यालय के लगभग 75 शिक्षकों, कतिपय सांसदों, पूर्व मंत्री एवं अन्य व्यक्तियों ने चयन व नियुक्ति प्रक्रिया में कुलपति पर भ्रष्टाचार और अनियमितता करने का आरोप लगाते हुए कुलाधिपति से शिकायत की थी। कुलाधिपति ने तीन सदस्यीय प्रारम्भिक जांच समिति गठित की थी। समिति की जांच में मुन्ना सिंह प्रथमदृष्टया दोषी पाए गए थे। कुलाधिपति ने उन्हें एक मई को निलंबित कर दिया था। मुन्ना सिंह ने निलंबन के विरुद्ध इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच से 28 मई को स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया था जिसके बाद कुलाधिपति कार्यालय द्वारा उच्चतम न्यायालय में स्थगन आदेश के विरुद्ध अपील की गई। उच्चतम न्यायालय ने 21 अगस्त को उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश को स्थगित कर दिया।
निलंबित कुलपति मुन्ना सिंह ने 19 अगस्त की तारीख को दस्तखत किया त्यागपत्र 23 अगस्त को राजभवन में दस्ती तौर पर उपलब्ध कराया था। इसमें उन्होंने चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के कुलपति पद से इस्तीफा देने तथा उसे स्वीकार करने का अनुरोध किया था।