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बीएचयू की प्रोसेफर की देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणी

आगरा में बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी की असिस्टेंट प्रोसेफर भारत में शिक्षा के गिरते स्तर पर व्याख्यान के दौरान बहक गई। मूल विषय को छोड़कर असिस्टेंट प्रोफेसर ऐसी बहकीं कि धार्मिक मर्यादाओं की धज्जियां उड़ा डालीं।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sun, 30 Aug 2015 11:35 PM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2015 10:52 AM (IST)
बीएचयू की प्रोसेफर की देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणी

लखनऊ। आगरा में बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी की असिस्टेंट प्रोसेफर भारत में शिक्षा के गिरते स्तर पर व्याख्यान के दौरान बहक गई। मूल विषय को छोड़कर असिस्टेंट प्रोफेसर ऐसी बहकीं कि धार्मिक मर्यादाओं की धज्जियां उड़ा डालीं। इस दौरान उन्होने हिन्दू देवी-देवताओं पर लंबे समय तक अनर्गल टिप्पणियां कर समरसता को भी छलनी कर डाला।

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प्रोफेसर इंदु चौधरी के भाषण का ऑडियो लीक होने के बाद आगरा सहित प्रदेश में हिन्दूवादी संगठन के कार्यकर्ता भड़क उठे। जिसके बाद संयोजक ने सफाई दी और भविष्य में उन्हें कार्यक्रम में न बुलाने की बात भी कही।

अंबेडकर विवि के जुबली हॉल में कल अनुसूचित जाति, जनजाति युवा कल्याण एसोसिएशन ने व्याख्यान व सम्मान समारोह आयोजित किया ïथा। इसमें बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की राजनीति शास्त्र की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. इंदू चौधरी मंच पर पहुंचीं। माइक संभालते ही उन्होंने हिन्दू देवी देवताओं के खिलाफ आग उलगना शुरू कर दिया। उन्होंने देवी के त्रिशूल से लेकर उनकी अष्ट भुजाओं पर अभद्र टिप्पणी की। उन्होंने देवी की तुलना हाथ में बेलन लेकर हमला बोलने वाली पत्नी तक से कर डाली। इससे आगे उन्होंने हनुमानजी पर भी अशोभनीय टिप्पणी की।

उन्होंने आरोप लगाए कि साधू-संत जाटव समाज की महिलाओं को गुमराह कर रहे हैं। साकार विश्व हरि को ही देख लीजिए, वह दस रुपये प्रत्येक व्यक्ति से लेते हैं और उनके सत्संग में एक लाख लोग आते हैं। इस तरह उनकी सत्संग से कमाई होती है दस लाख, तो क्या उन्होंने कोई स्कूल खोला है या नहीं खोला? साफ पानी और शिक्षा कौन दे रहा है, साधु संत दे रहे हैं या देवी-देवता, नहीं तो उन्हें क्यों पूजते हो। चौधरी ने यहां तक कहा कि कोई देवी-देवता हमारा दीन नहीं। बौद्ध धर्म को आगे बढ़ाना उद्देश्य है, इसी के लिए काम किया जा रहा है।

150 किलो कलावा जलवाया, बनाई भीमसेना

डॉ. इंदू चौधरी ने जाति विशेष पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सुरक्षा कवच के लिए कलावा बांधकर ढकोसला किया जा रहा है। शूद्र के बच्चों को काला धागा बांधकर घंटी बांध देते हैं, जिससे शूद्र के आने पर पता चल जाए। उन्होंने कहा कि जाटव समाज के हाथों में बंधे 50 किलो के कलावा को जलाया और उनसे कहा गया कि इसे बांधने की जरूरत नहीं है। इसके लिए कैडर कैंप लगाए जा रहे हैं। 500 लोगों की भीमसेना बनाई गई है, इसे आरएसएस की तरह पंजीकृत नहीं कराया गया है।

अपनी बिरादरी के बच्चे को दिए 80 फीसद अंक

डॉ. इंदू ने शिक्षा के गिरते हुए स्तर पर बोलते हुए कहा कि लेक्चर थिएटर में वे इस तरह के उदाहरण देती हैं। एक उदाहरण देते हुए बताया कि एक बार बिरादरी का बच्चा आया, उसका पेपर अच्छा नहीं हुआ था, कहने लगा मदद कर दो। उसके 80 फीसद अंक आ गए तो वह बनारस के संकटमोचन मंदिर में गया और मत्था टेक कर चला आया, मेरे पास नहीं आया। छह महीने बाद सेमेस्टर परीक्षा के बाद वह फिर आया। उन्होंने फिर से संकटमोचन पर अभद्र टिप्पणी करते हुए कहा कि मैंने कह दिया कि वहीं जा, जहां मत्था टेका था, वो ही तुझे पास कराएगा।

मोबाइल हुआ आउट ऑफ कवरेज

ओडियो वायरल होने पर डॉ. इंदू चौधरी से फोन पर बात की गई, उन्होंने कहा कि शिक्षा के गिरते स्तर पर उदाहरण दिए थे, उनसे पूछा गया कि देवी देवताओं पर टिप्पणी की, लेकिन उनका मोबाइल आउट ऑफ कवरेज एरिया हो गया।


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