सीसीटीवी फुटेज में दिखे सोना लूटकांड के बदमाश
कानपुर-लखनऊ राजमार्ग पर उन्नाव जिले के सोहरामऊ क्षेत्र में 7.19 किलो सोने की लूट पुलिस के लिए फांस बन गई है। आज पुलिस कानपुर से झांसी के बीच पडऩे वाले टोल बैरियर की सीसीटीवी फुटेज तलाशने में जुटी रही। हालांकि अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। माना जा रहा
लखनऊ। कानपुर-लखनऊ राजमार्ग पर सोहरामऊ के बजेहरा में बीती रात 7.19 किलोग्राम सोना लूट के मामले में लखनऊ पुलिस को अहम सुराग हाथ लगे हैं। पुलिस ने वैन में लगे कैमरे से फुटेज प्राप्त कर ली है। पुलिस को कैमरे में बदमाशों की फुटेज मिली है जिनकी शिनाख्त की कोशिश की जा रही है।
राजधानी पुलिस के मुताबिक फुटेज में कुछ चेहरे नजर आए हैं, जिनके बारे में पता लगाया जा रहा है। लूट में प्रयोग की गई बोलेरो स्टैंड की बताई जा रही है। फुटेज से मिली तस्वीरों के आधार पर कुछ लोगों से बोलेरो की पहचान कराई गई है। प्रारंभिक जांच में बोलेरो को अलग-अलग जगहों पर स्टैंड में देखने की बात सामने आई है। दूसरी ओर, वर्ष 2006 में उन्नाव में सोना लूट कांड में जिस बर्खास्त सिपाही रमाकांत का नाम प्रकाश में आया था, उसे उन्नाव पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। पुलिस रमाकांत से पूछताछ कर रही है।
ध्यान रहे, शुक्रवार रात कानपुर से सोना लेकर लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट जा रही स्विक्वेल लाजिस्टिक की सिक्योरिटी वैन के चालक व गार्ड को गोली मारकर 7.19 किलोग्राम सोना लूट लिया गया था। वारदात को सफेद बोलेरो सवार बदमाशों ने अंजाम दिया था। इस वारदात में चालक की मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि गार्ड घायल हो गया था। सिक्योरिटी वैन सुबह झांसी में सोना देकर देर शाम वापस कानपुर लौटी थी, जहां से वह लखनऊ आ रही थी। एसएसपी लखनऊ राजेश कुमार पांडेय के मुताबिक पूरे मामले की पड़ताल की जा रही है। पुलिस को कुछ अहम सुराग मिले हैं।
उन्नाव पुलिस के पास सुराग नहीं
सोना लूट कांड में उन्नाव पुलिस कानपुर से झांसी के बीच पडऩे वाले टोल बैरियर की सीसीटीवी फुटेज तलाशने में जुटी रही। हालांकि कोई सुराग नहीं मिला है। माना जा रहा कि बदमाशों की बोलेरो वैन के पीछे कानपुर या उन्नाव के किसी स्थान से लगी थी। उल्लेखनीय है कि बीती रात कानपुर से सोना लेकर लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट जा रही स्विक्वेल लाजिस्टिक की सिक्योरिटी वैन के चालक व गार्ड को गोली मारकर 11 किलो सोना में से 7.19 किलो सफेद बोलेरो सवार बदमाशों ने लूट लिया था। चालक की मौके पर ही मौत हो गई जबकि गार्ड घायल हो गया था।
झांसी तक बोलेरो की तलाश
सोना लूट कांड उजागर करने में लगी पुलिस को पता चला कि जिस वैन से सोना लूटा गया, वह सुबह झांसी में सोने देकर देर शाम वापस कानपुर लौटी। इसी के बाद उसे अमौसी के लिए दूसरा पार्सल लेकर भेज दिया गया। अब पुलिस इस बात का पता लगाने में जुट गई कि बोलेरो सवार बदमाश वैन के पीछे कानपुर से लगे या फिर झांसी से पीछा करते हुए आ रहे थे। कानपुर से झांसी के बीच पडऩे वाले टोल बैरियरों पर लगे सीसीटीवी कैमरों में वैन के फुटेज तो मिले हैं पर बोलेरो कहीं नहीं दिखी। ऐसे में यह साफ है कि बदमाशों ने कानपुर में ही योजना तैयार की और फिर कानपुर या शुक्लागंज क्षेत्र से वैन का पीछा करना शुरू किया। एसपी पवन कुमार ने बताया कि अभी तो हम किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं। फिर भी पता लगा रहे हैं कि रेकी कहां से और किसने की। सर्विलांस के अलावा स्वाट को भी इसकी छानबीन में लगाया गया है।
हर माह 1000 किलो का लेनदेन
सोना कारोबार के बड़े हब कानपुर से प्रदेश के अधिकांश जिलों व दूसरे प्रांतों तक प्रतिमाह 1000 किलोग्राम का लेनदेन होने के बाद भी सुरक्षा में छेद ही छेद हैं। टैक्स बचाने के लिए सूचनाएं देने में लापरवाही की जाती है। दूसरी ओर पुलिस पिकेट व मोबाइल वाहनों से सुरक्षा के दावे सिर्फ कागजी हैं। उन्नाव में लूटे 7.19 किलो सोने की कहानी भी कमोबेश इसी का नतीजा है। इस माल की खरीद शहर की सात फर्मों से हुई थी। बिना पुख्ता सुरक्षा यह सोना सड़क पर था। प्रदेश के 30 से 35 हजार कारोबारियों के माल की आवाजाही कोरियर कंपनी, निजी कैरियर, वाहन व अन्य साधनों से चंद व्यक्तियों के भरोसे है।
टैक्स बचाने का खेल बनता समस्या
कानपुर के बिरहाना रोड, नयागंज, चौक सराफा में कुछ बड़े थोक कारोबारियों संग 500 शोरूम व दुकानें हैं। बाकी शहर में 1500 दुकानें हैं। प्रतिदिन 30-32 किलो सोने का लेनदेन होता है। शहर से दूसरे प्रांतों में मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, अहमदाबाद के साथ प्रदेश के वाराणसी, गाजियाबाद, लखनऊ, मेरठ, बरेली, गोरखपुर, मुरादाबाद समेत अन्य जिलों में आपूर्ति होती है। सराफा कारोबार में कच्चे पर्चों में बिक्री सुरक्षा में आड़े आती है। बड़े लेनदेन कागज पर ज्यादा व नकद लेनदेन से होते हैं। इसके पीछे टैक्स बचाने का खेल अक्सर वारदात की पड़ताल में समस्या बनता है।
सुरक्षा में बड़े-बड़े छेद
बड़े और छोटे सराफा बाजारों में पहले से रेकी करने के लिए लुटेरों को अतिक्रमण कर लगाए गए ठेले, फुटपाथ की दुकानें काफी मददगार बनी हैं। पुलिसिया नो इंट्री के बाद भी थोड़ी सी वसूली के एवज में बेरोकटोक वाहन घुसते हैं। उत्तर प्रदेश सराफा एसोसिएशन के मंत्री रामकिशोर मिश्र ने कहा कि कारोबारी पक्के पर्चों पर माल बेचते हैं। कहीं गड़बड़ी अलग बात है। पुलिस वसूली का दबाव बनाती है पर सुरक्षा से बेफिक्र है। अब डीजीपी से मुलाकात कर प्रदेश व्यापी आंदोलन होगा। कानपुर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक आशुतोष पांडेय ने बताया कि जोन के सभी जिलों में सराफा बाजारों की सुरक्षा का रिव्यू कराने के साथ पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। वसूली करने वाले पुलिसकर्मियों पर नकेल कसी जाएगी।