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श्रावणी अमावस्या में लाखों ने लगाई पतित पावनी में डुबकी

श्रावणी अमावस्या में भारी उमस के बीच लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र नदियों और सरोवरों में स्नान कर पूजन और दान किया। गंगा और उसकी सहायक नदियों के तटों पर आस्था का सैलाब हिलोरें लेता नजर आया। गढ़मुक्तेशवर, कन्नौज, कानपुर, फतेहपुर, इलाहाबाद और वाराणसी में आमवस्या पर गंगा स्नान के लिए

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 14 Aug 2015 08:23 PM (IST)Updated: Fri, 14 Aug 2015 08:29 PM (IST)
श्रावणी अमावस्या में लाखों ने लगाई पतित पावनी में डुबकी

लखनऊ। श्रावणी अमावस्या में भारी उमस के बीच लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र नदियों और सरोवरों में स्नान कर पूजन और दान किया। गंगा और उसकी सहायक नदियों के तटों पर आस्था का सैलाब हिलोरें लेता नजर आया। गढ़मुक्तेशवर, कन्नौज, कानपुर, फतेहपुर, इलाहाबाद और वाराणसी में आमवस्या पर गंगा स्नान के लिए मेला लग गया। चित्रकूट में पतित पावनी मंदाकिनी में डुबकी लगा भक्तों ने भगवान शिव के स्वरूप मत्यगेंद्रनाथ में जलाभिषेक किया और कामदगिरि की परिक्रमा लगाई। चित्रकूट में भीड़ के कारण लोगों को थोड़ी परेशानी उठानी पड़ी।

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आज एक बार फिर धर्मनगरी चित्रकूट में आस्था का समंदर उमड़ा। सावन माह की अमावस्या में देश के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु जुटे। भोर से ही लाखों श्रद्धालुओं का जमावड़ा रामघाट लग गया था। श्रद्धालुओं के मंदाकिनी में डुबकी लगाने का सिलसिला देर शाम तक चलता रहा। परिक्रमा में तिल रखने की जगह नहीं थी।

कामदगिरि पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी रामस्वरूपाचार्य महाराज ने कहा कि सावन ऐसा मास है कि इसमें सबसे अधिक बारिश होती है जिसका जल 11 माह चलता है। कामदगिरि की परिक्रमा को इसी कामना के साथ लाखों श्रद्धालु श्रावणी अमावस्या में आते हैं कि भगवान इस मास में इतना पानी देना कि उनको पूरे साल की पूर्ति हो जाए।


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