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त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव : सरकार से 423 कंपनी केंद्रीय अद्र्धसैनिक बल मांगा

राज्य की कानून व्यवस्था पर लगातार उठते सवालों के बीच राज्य निर्वाचन आयोग का भी साफ मानना है कि केंद्रीय अद्र्धसैनिक बल के बिना राज्य में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण पंचायत चुनाव कराना असंभव है। चुनाव को बिना किसी खून-खराबे के निर्भीक माहौल में सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने राज्य

By Nawal MishraEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2015 06:45 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2015 06:50 PM (IST)
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव : सरकार से 423 कंपनी केंद्रीय अद्र्धसैनिक बल मांगा

लखनऊ। राज्य की कानून व्यवस्था पर लगातार उठते सवालों के बीच राज्य निर्वाचन आयोग का भी साफ मानना है कि केंद्रीय अद्र्धसैनिक बल के बिना राज्य में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण पंचायत चुनाव कराना असंभव है। चुनाव को बिना किसी खून-खराबे के निर्भीक माहौल में सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने राज्य सरकार से 423 कंपनी केंद्रीय अद्र्धसैनिक बल मांगा है। दो चरण में चुनाव के मद्देनजर आयोग को 25 सितंबर से 15 दिसंबर तक के लिए केंद्रीय बल चाहिए। हरहाल में केंद्रीय बल सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने सरकार से स्पष्ट तौर पर कहा है कि केंद्र सरकार से केंद्रीय अद्र्धसैनिक बल उपलब्ध कराए जाने के लिए तत्काल अनुरोध करें।

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दरअसल, लोकसभा और विधानसभा चुनाव से हटकर पंचायत चुनाव के स्थानीय मुद्दों और समीकरण के आधार पर लड़े जाने के कारण कहीं ज्यादा खून-खराबे की आशंका और बिगड़ी कानून-व्यवस्था के साथ ही सांप्रदायिक घटनाओं को देखते हुए आयोग ने चुनाव के लिए पहली बार बड़े पैमाने पर केंद्रीय बल की मांग की है। आयोग का मानना है कि बिना केंद्रीय बल को तैनात किए राज्य में निर्भीक, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण पंचायत चुनाव कराना कतई संभव नहीं है। राज्य पुलिस बल की उपलब्धता भी इतनी नहीं है कि चुनाव की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में शांतिपूर्ण व निष्पक्ष चुनाव कराए जा सकें।

सूत्रों के मुताबिक प्रमुख सचिव गृह से लेकर डीजीपी व पुलिस महानिरीक्षकों और जिलों में जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठकें करने के बाद आयोग ने चुनाव की दृष्टि से संवेदनशील जिले चिह्नित किए हैं। वैसे तो ऐसे संवेदनशील जिलों में निष्पक्ष चुनाव के लिए सरकार ने 361 कंपनी केंद्रीय बल की जरूरत आंकी है लेकिन सूत्र बताते हैं कि आयोग ने तमाम पहलुओं को ध्यान में रखते हुए 423 कंपनी केंद्रीय बल की आवश्यकता बतायी है।

चुनाव में केंद्रीय बल की हरहाल में उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राज्य निर्वाचन आयुक्त एसके अग्र्रवाल ने मुख्य सचिव आलोक रंजन को पत्र भी लिखा है। आयुक्त ने ऐनवक्त पर केंद्र सरकार से केंद्रीय बल मिलने में किसी तरह की दिक्कत न आए इसके लिए तत्काल केंद्र सरकार से अनुरोध करने के लिए कहा है। आयोग ने संवेदनशीलता को देखते हुए सर्वाधिक केंद्रीय बल पश्चिमी उत्तर प्रदेश के खासतौर से मेरठ जोन के लिए 83 कंपनी व बरेली जोन के लिए 75 कंपनी मांगी है। वाराणसी के लिए 60, लखनऊ के लिए 52, आगरा के लिए 46, गोरखपुर के लिए 45, कानपुर के लिए 32 व इलाहाबाद के लिए 30 कंपनी केंद्रीय बल मांगा गया है।

निष्पक्ष चुनाव के लिए आयोग प्रतिबद्ध

राज्य निर्वाचन आयुक्त एसके अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में निष्पक्ष, पारदर्शी और शांतिपूर्ण पंचायत चुनाव कराने के लिए आयोग प्रतिबद्ध है। विभिन्न पहलुओं से संवेदनशीलता को देखते आयोग ने अपने स्तर से आकलन कर चुनाव के लिए पहली बार 423 कंपनी केंद्रीय अद्र्धसैनिक बल हरहाल में उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार से कहा है। केंद्रीय बल के साथ ही राज्य स्तरीय पुलिस में पीएसी, जिला आम्र्ड रिजर्व बल को भी चुनाव में लगाया जाएगा। मतदान स्थलों पर पोलिंग पार्टी के साथ ही कांस्टेबिल या होमगार्ड भी मतदान की सुरक्षा के लिए तैनात किए जाएंगे।

आंकलन का पैमाना

- जिले की सांप्रदायिक संवेदनशीलता

- वर्तमान में सांप्रदायिक परिदृश्य, जिले की जनसंख्या का संप्रदायवार व वर्गवार आंकड़े

- एक-डेढ़ वर्ष में सांप्रदायिक घटनाएं

- एक वर्ष में चुनाव संबंधी हिंसक घटनाओं की संख्या

-राजधानी और इसके अगल-बगल के क्षेत्र

- वामपंथी उग्रवाद व वर्ग संघर्ष से प्रभावित जिले

- मतदान स्थलों का जिलेवार तथा पुलिस स्टेशनवार घनत्व

किस जिले को कितना केंद्रीय बल (कंपनी में)

मुजफ्फरनगर 15

सहारनपुर 15

मेरठ 14

बरेली 14

मुरादाबाद 14

आजमगढ़ 11

अलीगढ़ 11

आगरा 10

बागपत 10

शामली 10

संभल 9

फैजाबाद 9

बुलंदशहर 8

बदायूं 8

अमरोहा 8

रामपुर 8

इलाहाबाद 8

प्रतापगढ़ 8

मऊ 8

जौनपुर 8

गोरखपुर 7

बिजनौर 7

कानपुर नगर 6

गोण्डा 6

बहराइच 6

बाराबंकी 6

मिर्जापुर 6

अंबेडकरनगर 6

चंदौली 6

मथुरा 5

हापुड़ 5

वाराणसी 5

गाजीपुर 5

सुल्तानपुर 5

लखनऊ 5

सोनभद्र 5

कुशीनगर 5

बलरामपुर 5


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