Move to Jagran APP

नमामि गंगे : तीन वर्ष में पूरा होगा 'क्लीन गंगा प्लान'

केंद्रीय मंत्री उमा भारती आज वाराणसी में हैं। वह यहां सर्किट हाउस में बैठकर केंद्र सरकार की अति महात्वाकांक्षी योजना नमामि गंगे की समीक्षा की है। गंगा की स्वच्छता के मसले पर वह अफसरों की क्लास भी लगाई। इस सबके बाद मीडिया को आगे की तैयारी पर अपने मंथन का

By Nawal MishraEdited By: Published: Sun, 26 Jul 2015 07:05 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jul 2015 11:56 PM (IST)
नमामि गंगे : तीन वर्ष में पूरा  होगा 'क्लीन गंगा प्लान'

लखनऊ। प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट 'क्लीन गंगा प्लान' तीन वर्ष में पूरा होगा। लगभग बीस हजार करोड़ की योजना वर्ष 2018 तक मूर्तरूप ले लेगी। यह घोषणा रविवार को काशी में केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास व गंगा पुनरुद्धार मंत्री उमा भारती ने की।वाराणसी में महापौर, जन प्रतिनिधियों व आला अधिकारियों के साथ दो चरणों में बैठक कर उन्होंने क्लीन गंगा प्लान व 'नमामि गंगे' से जुड़ी योजनाओं की समीक्षा की। योजना से जुड़े कुछ बिंदुओं पर उन्होंने अफसरों की क्लास भी ली। जन प्रतिनिधियों से मंत्री की अपेक्षा थी कि वे योजना के क्रियान्वयन में अपनी शत-प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करें। यह भी कहा कि वह 15 दिन पर काशी का दौरा कर योजनाओं की समीक्षा करेंगी। पूरे देश में 'क्लीन गंगा प्लान' का केंद्र वाराणसी ही होगा। कहा कि अब पूरी फंडिंग केंद्र करेगा। पूरे देश में 'क्लीन गंगा प्लान' का केंद्र वाराणसी ही होगी।

prime article banner

बैठक के बाद पत्रकारों को उमा ने बताया कि योजनाओं के क्रियान्वयन का खाका तैयार है। पहले बीस हजार करोड़ की क्लीन गंगा प्लान को सात वर्ष में मूर्तरूप लेना था। अब इसे तीन वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। गंगा कार्ययोजना 29 वर्ष बाद भी परवान क्यूं नहीं चढ़ी के सवाल पर उमा ने कहा कि पहले बजट में 70 प्रतिशत केंद्र व 30 प्रतिशत राज्य को खर्च करना था। अलग-अलग दलों की सरकार होने के कारण राज्य धन देने में आनाकानी करते थे। अब क्लीन गंगा प्लान की पूरी फंडिंग केंद्र सरकार करेगी। गंगा एक्शन प्लान में भ्रष्टाचार पर कहा कि निश्चित रूप से कहीं न कहीं गड़बड़ी हुई है।

रिवर फ्रंट के लिए सौ करोड़

उमा ने कहा कि वित्तमंत्री ने वरुणा से अस्सी तक रिवर फ्रंट योजना के लिए सौ करोड़ दिए हैं। गंगा किनारे छोटे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। गंगा तट पर पर्यटकों के लिए पाथ-वे बनाया जाएगा। पौधरोपण होगा। पौधों की सुरक्षा व सफाई के प्रति जन-जागरण को सेना के अवकाश प्राप्त दो हजार जवानों की नियुक्ति की जाएगी।

मोदी करते विकास की राजनीति

बिहार में जातिवाद की राजनीति से जुड़े सवाल पर कहा कि मोदी जी विकास की राजनीति करते हैं। वह चुनाव जीतते रहे और लंबे समय तक लोगों को उनकी जाति का पता नहीं चला।

दिन-ब-दिन प्रगति

नमामि गंगे योजना धरातल पर उतरती फिलहाल नहीं दिखी। नमामि गंगे अभियान की जोर-शोर से शुरुआत के बाद से अब तक कई दौर की बैठकें भी हो चुकी हैं लेकिन गंगा की हालत जस की तस है। नमामि गंगे पर मोदी ने पहली उच्च स्तरीय बैठक बीते साल 8 सितंबर को ली थी, जिसमें उन्होंने गंगा में गिरने वाले गंदे पानी पर रोक की बात कही थी। गंगा स्वच्छता को जन आंदोलन बनाने और इसके लिए वालंटियर बनाने की भी बात हुई। गंगा की सफाई के लिए एक विशेष कोष के गठन का ऐलान हुआ था, जिसमें देश ही नहीं अप्रवासी भारतीयों से योगदान करने को कहा गया। पीपीपी के सहारे गंगा किनारे स्थित शहरों में करीब 500 एसटीपी बनाने का लक्ष्य रखा गया था। गंगा स्वच्छता अभियान को धार देने के लिए पीएम मोदी ने बीते साल 8 नवंबर को खुद बनारस के अस्सी घाट पर श्रमदान किया। नौ गणमान्य लोगों और संस्थाओं को नामित किया। इस साल 6 जनवरी को नमामि गंगे की दूसरी उच्चस्तरीय बैठक हुई। इसमें पीएम ने समयबद्ध कार्ययोजना बनाने और प्रदूषण फैलाने वाले कारणों पर रोक की बात कही। 764 औद्योगिक यूनिट गंगा में प्रदूषण को बढ़ावा देने वाली मानीं गईं। राष्ट्रीय नदी गंगा बेसिन प्राधिकरण की दो बैठके हुई हैं। पहली बैठक बीते साल 27 अक्तूबर को और दूसरी इस वर्ष 26 मार्च को हुई थी। मार्च की बैठक में मोदी खुद उपस्थित थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.