यूपी पुलिस को आज मिलेगा नया मुखिया, दौड़ में जगमोहन आगे
सेवा विस्तार पर चल रहे अरविंद कुमार जैन के आज रिटायर होने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस को नया मुखिया मिलेगा। अभी किसी का नाम तो तय नहीं है, लेकिन दौड़ में डीजी सीबीसीआइडी जगमोहन यादव सबसे आगे हैं। इनके साथ ही डीजी पुलिस भर्ती बोर्ड वीके गुप्ता, डीजी अग्निशमन
लखनऊ। सेवा विस्तार पर चल रहे अरविंद कुमार जैन के आज रिटायर होने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस को नया मुखिया मिलेगा। अभी किसी का नाम तो तय नहीं है, लेकिन दौड़ में डीजी सीबीसीआइडी जगमोहन यादव सबसे आगे हैं। इनके साथ ही डीजी पुलिस भर्ती बोर्ड वीके गुप्ता, डीजी अग्निशमन प्रवीण सिंह तथा चंद रोज पहले डीजी जीआरपी बने जावीद अहमद का नाम भी चर्चा में हैं।
डीजीपी अरविंद कुमार जैन के तीन माह के सेवा विस्तार का आज अंतिम दिन है। उन्होंने कल संकेत दिया था कि अब दोबारा सेवा विस्तार नहीं मिलने वाला है और नये डीजीपी उनसे कार्यभार ग्रहण कर लेंगे। नये डीजीपी के नाम को लेकर कशमकश बना हुआ है। दावा हो रहा है कि डीजीपी की दौड़ में 1983 बैच के जगमोहन यादव का नाम सबसे आगे है। 1982 बैच के वीके गुप्ता व प्रवीण सिंह के साथ 1984 बैच के जावीद अहमद के नाम को लेकर भी खूब चर्चा है।
एके जैन की आज लखनऊ पुलिस लाइन में विदाई होगी। इसकी तैयारी पूरी है। मेहमानों को आमंत्रित किया जा चुका है। वह सायं पांच बजे अपना कार्यभार सौंपेंगे। नये डीजीपी को लेकर हमेशा की तरह कयास शुरू हैं। ए के जैन इसी वर्ष एक फरवरी को अरुण कुमार गुप्ता से चार्ज लेकर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक बने थे और 31 माच 2015 को उन्हें रिटायर होना था। लेकिन, सीएम अखिलेश यादव की संस्तुति पर केंद्र सरकार ने जैन को तीन माह का एक्सटेंशन दिया था जो आज समाप्त हो रहा है। पहली जुलाई जुलाई को प्रदेश को इस साल का तीसरा डीजीपी मिलेगा।
सरकार ने अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं। शासन स्तर से स्पष्ट कर दिया गया है कि पुलिस महकमे को नया नेतृत्व मिलेगा लेकिन नाम अभी तक गोपनीय है। आने वाले तीन महीनों में त्यौहार और पंचायत चुनाव को लेकर नये डीजीपी का चयन सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण है। सरकार को मिस्टर भरोसेमंद की तलाश है और इसके लिये कई नाम गिनाये जा रहे हैं लेकिन सर्वाधिक महत्वपूर्ण जगमोहन यादव को बताया जा रहा है। पिछली कई रेस में सुर्खियों में रहने के बावजूद जगमोहन ताजपोशी से वंचित रह गये थे। वरिष्ठता क्रम में सबसे ऊपर 1979 बैच के रंजन द्विवेदी का नाम है। द्विवेदी का कार्यकाल अप्रैल 2016 तक है। इसके बाद 1980 बैच के डीजी प्रशिक्षण सुलखान सिंह का कार्यकाल सितंबर 2017 तक है। 1981 बैच के मलय कुमार सिन्हा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात हैं जबकि इसी बैच के डीजी नागरिक सुरक्षा कमलेन्द्र प्रसाद संकल्प दंपती आत्महत्या प्रकरण से विवादों में हैं। 1981 बैच के ही डीजी पीटीएस विजय सिंह पर बसपा के करीबी होने का ठप्पा है। 1982 बैच के डीजी पुलिस आवास निगम और पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड संभाल रहे विजय कुमार गुप्ता पहले भी डीजीपी की दौड़ में मजबूत दावेदारों में रहे हैं। 1982 बैच के डीजी अग्निशमन प्रवीण सिंह भी निर्विवाद छवि के हैं और उनका नाम भी डीजीपी के दावेदारों में समय समय पर चलता रहा है। 1982 बैच के डीजी टेलीकाम डॉ. सूर्य कुमार के नाम पर पिछली बार तो दावे किये जा रहे थे कि उन्हें मौका मिल सकता है। 1983 बैच के ओपी सिंह व आरआर भटनागर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। इस बैच के जगमोहन यादव को सियायी लिहाज से ताकतवर माना जा रहा है। उनको इसी वर्ष दिसंबर 2015 में उन्हें सेवानिवृत्त होना है इसलिए उनको डीजीपी बनाने के लिए सरकार पर दबाव है।
सुबेश कुमार और आलोक होंगे डीजी
डीजी रूल्स व मैनुअल सुव्रत त्रिपाठी के साथ डीजी प्रशिक्षण केएल मीणा भी आज सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इसके बाद डीजी के दो पद खाली हो जायेंगे। 1984 बैच के एडीजी प्रशिक्षण सुबेश कुमार सिंह और केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस लौट रहे आलोक प्रसाद को शासन ने डीजी पद पर प्रोन्नति की सहमति दे दी है। पद खाली होने के साथ ही इन दोनों अफसरों की ताजपोशी हो जायेगी।