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पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बन रही भ्रष्ट अधिकारियों की सूची

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सरकारी विभागों को भ्रष्टाचार से मुक्त करने की कवायद शुरू हो चुकी है। इसके लिए खुफिया विभाग व जांच एजेंसियों को रिश्वतखोर अधिकारियों व कर्मचारियों की सूची तैयार करने का बाकायदा निर्देश दिया गया है।

By Ashish MishraEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2015 08:12 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2015 08:46 PM (IST)
पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बन रही भ्रष्ट अधिकारियों की सूची

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सरकारी विभागों को भ्रष्टाचार से मुक्त करने की कवायद शुरू हो चुकी है। इसके लिए खुफिया विभाग व जांच एजेंसियों को रिश्वतखोर अधिकारियों व कर्मचारियों की सूची तैयार करने का बाकायदा निर्देश दिया गया है। वे पिछले एक महीने से भ्रष्टाचार में लिप्त विभागों और वहां कार्य करने वाले ऐसे अधिकारियों-कर्मचारियों की सूची तैयार कर रही हैं। इस काम में उन संभावित लोगों से भी खुफिया अधिकारी बात कर रहे हैं, जिन्होंने रिश्वत देकर या तो काम कराया है या जिनका काम रिश्वत नहीं देने से लटका हुआ है। ऐसे लोगों से साफ-साफ पूछा जा रहा है कि कहां कौन भ्रष्टाचार में लिप्त है और किस-किस ने उनसे रिश्वत मांगी है।

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सूत्रों की मानें तो भ्रष्टाचार का यह फीडबैक प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय में आई शिकायतों से लिया गया है। इसकी रिपोर्ट बनाकर प्रधानमंत्री कार्यालय दिल्ली भेजी गई थी। इनमें सर्वाधिक शिकायतें सड़क निर्माण, पेयजल, बिजली व स्वास्थ्य विभागों के अलावा भारत सरकार के उन उपक्रमों खासकर रेलवे की थीं, जहां ठेकेदारी, नीलामी और नौकरी के नाम पर रिश्वत ली जाती है।

खुफिया विभाग व जांच एजेंसियों ने केंद्र व राज्य के उन विभागों को भी निशाने पर रखा है, जिन्हें विकास से संबंधित कार्य कराने की जिम्मेदारी है। बनारस में इस समय विकास के कई कार्य धरातल पर हैं और यहां बजट में खेल की भी कई शिकायतें हैं। खुफिया एजेंसियां उन विभागों को चिह्नित कर रही हैं, जहां विकास कार्य के नाम पर केवल बजट बनाया जाता है और वर्ष पूरा होने पर बजट को बढ़ाने का खेल खेला जाता है।

शीघ्र भेजी जाएगी रिपोर्ट

खुफिया सूत्रों के मुताबिक निर्देश के मुताबिक अभी वे भ्रष्टाचार में लिप्त विभागों व कर्मियों को चिह्नित करने में लगे हैं। उनका यह काम लगभग पूरा हो चुका है। शीघ्र इसकी रिपोर्ट वे पीएमओ कार्यालय को भेजेंगे।


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