हिंदुओं के बीच मजबूत सेतु की तरह हैं वेद : सिंघल
भगवान राम, भारत मां, पुण्य सलिला गंगा के अलावा वेद ही हैं, जो दुनिया भर के ङ्क्षहदुओं के बीच मजबूत सेतु की तरह हैं।यह उद्गार विहिप के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक अशोक ङ्क्षसहल ने कारसेवक पुरम अयोध्या में 15 दिवसीय वेद-वेदांग प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन अवसर पर व्यक्त किए।
लखनऊ। भगवान राम, भारत मां, पुण्य सलिला गंगा के अलावा वेद ही हैं, जो दुनिया भर के ङ्क्षहदुओं के बीच मजबूत सेतु की तरह हैं।यह उद्गार विहिप के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक अशोक ङ्क्षसहल ने कारसेवक पुरम अयोध्या में 15 दिवसीय वेद-वेदांग प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन अवसर पर व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि अर्थ के पीछे दौडऩे वाले देशों का संस्कार नष्ट हुआ है और ऐसे में यदि भारत का संस्कार बचा है, तो उसके मूल में वेद हैं। ङ्क्षसघल ने वैदिक भारत की स्थापना का आह्वान किया। उन्होंने याद दिलाया कि वह प्रबल वैदिक संस्कार था कि विदेशी आक्रांताओं के सामने धर्म परिवर्तन करने की बजाय चार सौ स्थानीय जातियों ने निम्न कर्म करना स्वीकार किया पर धर्म नहीं बदला। विहिप के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक ने कहा कि वह संस्कार का ही संकट था कि कुछ लोगों ने आक्रांताओं के भय से धर्म बदल लिया और आज 18 करोड़ की संख्या में अपनी ही थाती को कुचलने का प्रयास कर रहे हैं।