पुलिस, प्रशासन और पालिकाओं की खींचतान में एनएच-58 जाम
गाजियाबाद के मोदीनगर और मुरादनगर में राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) 58 पर जाम के लिए पुलिस-प्रशासन एवं नगर पालिकाओं में खींचतान है। राजनीतिक हस्तक्षेप भी कम जिम्मेदार नहीं है। संबंधित विभाग कोई योजना तैयार नहीं करते और यदि करते है तो अमल नहीं होता।
लखनऊ। गाजियाबाद के मोदीनगर और मुरादनगर में राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) 58 पर जाम के लिए पुलिस-प्रशासन एवं नगर पालिकाओं में खींचतान है। राजनीतिक हस्तक्षेप भी कम जिम्मेदार नहीं है। संबंधित विभाग कोई योजना तैयार नहीं करते और यदि करते है तो अमल नहीं होता। एसडीएम नगर पालिका की ढिलाई बताते हैं। पूर्व में राज चौराहे के चारों कोनों को लेफ्ट फ्री करने की योजना के बावजूद नगर पालिका के कारण परवान नहीं चढ़ सकी। पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने मुलतानी मोदी पार्क की दीवार को गिरवाया मगर कई माह बाद भी नगर पालिका ने सड़क नहीं बनवाई। पुलिस की मिलीभगत कहें या फिर उसका नाकारापन, सैकड़ों आटो व बसों के चालक बीच सड़क में वाहन रोककर सवारियों को चढ़ाते उतारते हैं। यही हाल मुरादनगर में भी है। टूटी सड़कें एवं अवैध कट भी जाम का कारण बनते हैं। मंडलायुक्त से लेकर एसडीएम एवं सीओ तक सड़क ठीक कराने के निर्देश लोक निर्माण विभाग के राष्ट्रीय राजमार्ग खंड को दे चुके हैं लेकिन विभाग तो कानों में रुई डालकर बैठा है। अवैध कट बंद करने के मामले में भी विभाग की खतरनाक चुप्पी है। पूर्व अधिशासी अभियंता एके सिंह बघेल का कहना था कि विभाग के पास अवैध कट बंद कराने को धन ही नहीं है।
अतिक्रमण किसी को नहीं दिखता
मोदीनगर व मुरादनगर में अवैध अतिक्रमण भी जाम लगने के लिए कम जिम्मेदार नहीं है। रुकमणी मार्किट के बाहर फलों की दुकानें सड़क तक आ गई है। इसके साथ ही शायद ही कोई व्यापारी बचा हो जिसने अतिक्रमण नहीं किया। पुलिस-प्रशासन नींद से जागकर कभीकभार कार्रवाई शुरू भी करता है तो राजनीतिक दलों के लोग रोटी सेंकने पहुंच जाते हैं। पुलिस और प्रशासन ने संयुक्त रूप से मोदीनगर व मुरादनगर में करीब एक दर्जन कट को बंद करने की सिफारिश करने के साथ ही मोदीनगर में अंबर सिनेमा के पास नया यू टर्न बनाने की सिफारिश की थी लेकिन प्रशासन व संबंधित अधिकारियों की ढिलाई के कारण यह काम भी अधर में है। यहीं कारण है कि मोदीनगर में महेंद्रपुरी गेट कट छोटा होने के कारण बड़े वाहन मुडऩे में परेशानी होती है। नतीजा जाम के रूप में सामने आता है। मेरठ के पुलिस उप महानिरीक्षक रहे के सत्यनारायण के प्रयास से मुरादनगर में बस स्टेंड के साथ ही रेलवे रोड के कट बंद करवाये गये थे लेकिन प्रदेश में सत्तारूढ़ सपा के दर्जा प्राप्त मंत्री आशु मलिक ने बंद किये गये दो कटों के स्थान पर जिलाधिकारी पर दबाव बनाकर चार नये कट खुलवा दिये। यहीं कट अब जाम का कारण बनते हैं। मोदीनगर में राज चौराहा व बस स्टेंड कट बंद होने के बाद से विपरीत दिशा (रांग साइड) वाहन चलना आम हो गया है लेकिन पुलिस जाम लगने पर ही इस तरफ ध्यान देती है। इन वाहन चालकों पर प्रतिदिन कार्रवाई हो तो जाम की समस्या का समाधान हो सकता है लेकिन पुलिस की कृपा जाम से मुक्ति के द्वार खोलना ही नहीं चाहती।
ऐसे हो सकता समाधान
रजवाहे के किनारे सड़क निर्माण से जाम से कुछ हद तक निजात मिल सकती है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने मोदीनगर में कादराबाद रजवाहे के किनारे सड़क बनाने की योजना तैयार की थी लेकिन सड़क को मंजूरी मिली हापुड़ रोड से मानकी तक। इसका कारण बीच में रेलवे लाइन होना है। प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है रेलवे लाइन पर पुल बनाने पर अधिक खर्च आने के कारण सड़क का पर्याप्त लाभ नहीं मिल सकेगा। मोदीनगर नगर पालिका ने मोदीनगर में तीन स्थानों पर फुट ओवर ब्रिज बनाने का प्रस्ताव पास किया था। लेकिन दो वर्ष बाद भी इस पर अमल नहीं हो रहा है। पिछले दिनों जिलाधिकारी ने भी एफओबी बनवाने की घोषणा की थी लेकिन इसका काम कब शुरू होगा, कहना कठिन है। अधिशासी अधिकारी नगर पालिका मोदीनगर आरके प्रसाद कहते हैं कि मोदीनगर में राज चौराहे को लेफ्ट फ्री करने के लिए नगर पालिका ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है जिसे बोर्ड बैठक में पास करवाने के बाद कार्य शुरू करवाया जायेगा। मोदीनगर में जाम की समस्या का स्थाई समाधान पूरे शहर के ऊपर से फ्लाई ओवर बनाना है।
आश्वासनों की झड़ी
एसडीएम मोदीनगर यशु रुस्तगी ने बताया कि मोदीनगर में तीन एफओबी बनाने की घोषणा पिछले दिनों जिलाधिकारी ने की थी। कहां-कहां एफओबी बनने है, इसका प्रस्ताव सीओ मोदीनगर के साथ बैठक कर जल्द तैयार कर लिया जायेगा। इसके साथ ही बहुत से काम मोदीनगर नगर पालिका व लोक निर्माण विभाग के राष्टï्रीय राजमार्ग खंड को करने हैं। नगर पालिका का इस मामले में सहयोग कम मिल रहा है। जाम की समस्या के निदान के लिए मोदीनगर नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी को दो पत्र लिखे जा चुके हैं। मोदीनगर में लोक निर्माण विभाग के राष्ट्रीय राजमार्ग खंड के साथ बात कर नो पार्किंग के बोर्ड भी लगवाये जायेंगे। अनेक बार जाम लगने पर वाहन चालक विपरीत दिशा में गाड़ी निकालनी शुरू कर देते हैं। पुलिस के सक्रिय होने तक स्थिति खराब हो जाती है। अब जल्द ही नगर पालिका, यातायात पुलिस, पुलिस व लोक निर्माण विभाग के राष्ट्रीय राजमार्ग खंड के साथ संयुक्त रूप से बैठक कर योजना तैयार की जायेगी।