सीपीएमटी : परीक्षा संचालन समिति से भी होगी पूछताछ
तमाम तैयारियों को धता बताते हुए सीपीएमटी में सेंध लगाने में परीक्षा माफिया कामयाब हो गए। एसटीएफ की सक्रियता से पूरे गिरोह को पकड़े जाने से इस बार भी सीपीएमटी की शुचिता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
गोरखपुर (क्षितिज पांडेय)। तमाम तैयारियों को धता बताते हुए सीपीएमटी में सेंध लगाने में परीक्षा माफिया कामयाब हो गए। एसटीएफ की सक्रियता से पूरे गिरोह को पकड़े जाने से इस बार भी सीपीएमटी की शुचिता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
जांच में जुटी एसटीएफ साल्वरों का संपर्क सूत्र तलाशने के लिए परीक्षा संचालन समिति से जुड़े लोगों से पूछताछ की तैयारी कर रही है। सीपीएमटी का आयोजन का जिम्मा संभालने वाले दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अशोक कुमार ने पर्चा लीक होने की घटना से ही इन्कार किया है, लेकिन यह सवाल भी उठा है कि पर्चा लीक हुआ तो कैसे।
सीपीएमटी के दौरान कल पकड़े गए 12 साल्वरों में से ज्यादातर का संबंध गोरखपुर-बस्ती एवं आजमगढ़ मंडल से है। ऐसे में परीक्षा से जुड़े गोरखपुर विश्वविद्यालय से भी उनका कनेक्शन तलाशा जा रहा है। एसटीएफ का मानना है कि बिना किसी मदद के पर्चा लीक करा पाना मुश्किल है। ऐसे में परीक्षा संचालन समिति को भी सफाई देनी पड़ सकती है।
सब कुछ दुरुस्त नहीं
परीक्षा के दौरान लखनऊ में पेपर हल करते गिरोह का पकड़ा जाना, उनके पास से पर्चा, हाईटेक डिवाइस आदि का मिलना, स्पष्ट करता है कि सब कुछ दुरुस्त नहीं है। एसटीएफ की कार्रवाई 10:45 पर हुई, जबकि परीक्षा नौ बजे से हो रही थी। ऐसे में संभव है कि कुछ परीक्षार्थियों की मदद की जा चुकी हो। हांलाकि एसटीएफ का दावा है कि प्रश्नपत्र लीक करने के बावजूद यह गिरोह किसी अभ्यर्थी को हल प्रश्नपत्र नहीं पहुंचा सका।
जिम्मेदारों से होगी पूछताछ
एसटीएफ गोरखपुर के प्रभारी डिप्टी एसपी विकास त्रिपाठी का कहना है कि सीपीएमटी पेपर लीक मामले में पकड़े गए ज्यादातर लोगों का पूर्वांचल से संबंध है, इसलिए परीक्षा से जुड़े जिम्मेदार लोगों से भी पूछताछ की जा जाएगी। हमारा उद्देश्य गिरोह की जड़ तक पहुंचने का है।
लीक नहीं हुआ पर्चा : कुलपति
सीपीएमटी कोर कमेटी के चेयरमैन प्रो.अशोक कुमार का कहना है कि पर्चा लीक नहीं हुआ है। पर्चा लीक होना तब माना जाता जब परीक्षा शुरू न हुई होती। एसटीएफ के मुताबिक दस बजे के आस-पास पर्चा केंद्र से बाहर आया। यह किसी संगठित गिरोह का काम है। एसटीएफ की सक्रियता की वजह से इस वर्ष एक भी गलत छात्र प्रवेश नहीं पा सकेगा। उन्होंने कहा कि मामले को गोरखपुर विवि से जोडऩे का कोई औचित्य नहीं है।