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भावी डाक्टर लीक करा रहे थे सीपीएमटी का पर्चा

स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने यूपी कंबाइंड प्री-मेडिकल टेस्ट (सीपीएमटी) परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक कर नकल कराने की कोशिश कर रहे गिरोह का राजफाश कर 12 लोगों को लखनऊ से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में एमबीबीएस के छात्रों के अलावा कई रसूखदार भी शामिल हैं। इनके खिलाफ गौतमपल्ली थाने

By Nawal MishraEdited By: Published: Mon, 25 May 2015 09:13 PM (IST)Updated: Mon, 25 May 2015 09:15 PM (IST)
भावी डाक्टर लीक करा रहे थे सीपीएमटी का पर्चा

लखनऊ । स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने यूपी कंबाइंड प्री-मेडिकल टेस्ट (सीपीएमटी) परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक कर नकल कराने की कोशिश कर रहे गिरोह का राजफाश कर 12 लोगों को लखनऊ से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में एमबीबीएस के छात्रों के अलावा कई रसूखदार भी शामिल हैं। इनके खिलाफ गौतमपल्ली थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। एसटीएफ का दावा है कि प्रश्नपत्र लीक करने के बावजूद यह गिरोह किसी अभ्यर्थी को हल प्रश्नपत्र नहीं पहुंचा सका। सोमवार को सीपीएमटी परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक कर नकल कराने की योजना की भनक लगते ही एसएसपी एसटीएफ अमित पाठक ने पर्दाफाश की जिम्मेदारी एसटीएफ के एएसपी डा. त्रिवेणी सिंह को सौंपी। डा. त्रिवेणी की टीम ने पाया कि लखनऊ के जियामऊ स्थित पराग एटीएम बूथ के पास एक मकान में परीक्षा के अभ्यर्थियों को वायरलेस डिवाइस और पर्ची के जरिए उत्तर भेजने की तैयारी चल रही है। इसके बाद छापा मार कर गिरोह को गिरफ्तार कर लिया गया।

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गिरफ्तार अभियुक्त

कुशीनगर के ग्राम सपहा निवासी अच्युतानन्द पाण्डेय, बलरामपुर में कोतवाली के पुरनिया तालाब निवासी मोहम्मद वसीम, बांदा, बबेरू के देवीनगर निवासी मनीष कुमार, आजमगढ़ के मेहनगर इलाके के अनुज यादव, गोरखपुर के गगहा क्षेत्र के पांडेयपार निवासी डा.रमण ध्वज सिंह (केजीएमयू एमबीबीएस अंतिम वर्ष छात्र), बस्ती के डा.अंशुमान मिश्रा (कानपुर मेडिकल कॉलेज एमबीबीएस प्रथम वर्ष छात्र), लखनऊ के हुसैनगंज निवासी शिवम चंद्रा और उग्रसेन, कुशीनगर के लहिया निवासी अभिमन्यु सिंह (केजीएमयू एमबीबीएस अंतिम वर्ष छात्र), बस्ती के रामेश्वरपुरी निवासी डा. राजेश रंजन, मऊ निवासी वीरेन्द्र बहादुर पाल और लखनऊ के हुसैनगंज निवासी प्रफुल्ल चंद वैश्य को गिरफ्तार किया गया है। एसटीएफ ने इनके कब्जे से आठ डिवाइस लगी बनियान, दो कार, तीन मोटरसाइकिल, एक स्कूटी, तीन लैपटॉप, दो डोंगल, एक राऊटर, दो बगिंग डिवाइस समेत कई महत्वपूर्ण उपकरण बरामद किए हैं। पूर्व एमएलसी दयाराम पाल के पुत्र और मऊ में स्कूल-कालेज संचालित करने वाले वीरेन्द्र पाल के वाहन पर विधायक लिखा हुआ था और उसने एसटीएफ पर दबाव बनाने की भी कोशिश की।

बेदीराम से जुड़ा गिरोह

गिरोह का जाल कई राज्यों में फैला है। डा. त्रिवेणी सिंह के मुताबिक गिरोह के सदस्यों ने बताया कि वे मेडिकल कालेजों में अभ्यर्थियों से भारी धनराशि वसूल कर परीक्षा उत्तीर्ण कराने का कार्य दस वर्षों से कर रहे हैं। इनके तार परीक्षा माफिया बेदीराम और परीक्षा प्रबंधन से भी जुड़े हैं। कर्नाटक, महाराष्ट्र, दिल्ली, बिहार और उप्र के अलावा हरियाणा में भी उनका जाल है।

40 को कराई थी नकल

तीन मई को ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट की परीक्षा का प्रश्न पत्र रोहतक में आउट हुआ। हरियाणा पुलिस ने उप्र एसटीएफ को गिरोह के बारे में आगाह किया था। आरोपियों ने स्वीकार किया कि इसी तकनीक से प्री मेडिकल टेस्ट में 40 अभ्यर्थियों को लाभ पहुंचाया गया।

पांच से 15 लाख में सौदा

अभ्यर्थियों से यह गिरोह पांच से 15 लाख रुपये में सौदा करता है। साल्वरों को पचास-पचास हजार रुपये दिए जाने के बाद सारी रकम खुद रख लेते हैं। गिरोह हैसियत के हिसाब से सौदेबाजी करता है। ये अभ्यर्थियों को तीन तरीके से सुविधा मुहैया कराते हैं। दस से 15 हजार रुपये में डिवाइस खरीदकर ये अभ्यर्थियों की बनियान में लगा देते हैं और कान में इयरफोन लगा देते। यह आधुनिक इयरफोन दिखता नहीं और साल्वर बाहर से प्रश्नों के उत्तर बोलते रहते हैं। दूसरे, स्कूल प्रबंधन से मिलकर अभ्यर्थी को पर्ची पहुंचा देते हैं। अगर दोनों तरह से बात नहीं बनी तो अभ्यर्थी को उत्तर पुस्तिका खाली छोड़ देने को कहते हैं और ऊपर से संपर्क कर उसे पूर्ण कराते हैं।

दाखिले की होगी जांच

एसटीएफ का कहना है कि लखनऊ के हुसैनगंज का निवासी प्रफुल्ल चंद्रा और बीएचएमएस डाक्टर राजेश रंजन इस धंधे के मास्टर माइंड हैं। प्रफुल्ल एआइइइइ परीक्षा लीक करने के मामले में 2001 में लखनऊ के कैसरबाग से गिरफ्तार होकर जेल जा चुका है। डिवाइस ऑनलाइन बेचने वाली दो वेबसाइट से भी ये जुड़े हैं जिसकी जांच हो रही है। प्रफुल्ल का पुत्र शिवम चंद्रा रांची के बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालाजी में बीटेक कर रहा है जबकि राजेश रंजन की पत्नी पुणे से एमबीबीएस कर रही है। दोनों के दाखिले की जांच होगी। प्रफुल्ल ने बताया कि नेशनल होम्योपैथी मेडिकल कालेज का पासआउट राजेश उसका सहयोगी है। वे एडमिशन के नाम पर भी धंधा करते हैं।

एसटीएफ से ही मिली जानकारी : कुलपति

सीपीएमटी के मेजबान दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.अशोक कुमार ने बताया कि एसटीएफ की ओर से उन्हें फोन आया था कि लखनऊ में कुछ ऐसे लोग पकड़े गए हैं जिनके पास संदिग्ध चीजें पाई गई हैं। वह एक व्यक्ति का नाम और नंबर ट्रेस कर रहे थे। जो लोग पकड़े गए उनके पास क्या मिला और वह कौन लोग हैं, इस बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता। अगर एसटीएफ आगे कोई जानकारी चाहेगी तो पूरा सहयोग किया जाएगा।

साढ़े तीन हजार अभ्यर्थियों ने छोड़ी परीक्षा

आशंकाओं के बीच कंबाइंड प्री-मेडिकल टेस्ट (सीपीएमटी) सोमवार को संपन्न हुई। व्यापक सुरक्षा इंतजाम के बीच आयोजित प्रवेश परीक्षा में राजधानी लखनऊ को छोड़ शेष 14 शहरों में परीक्षा शांतिपूर्ण रही। सीपीएमटी के लिए इस बार रिकार्ड आवेदन आए थे।

-प्रवेश परीक्षा परिणाम : 15 जून

-स्क्रूटनी आवेदन : 18 जून तक

-एमबीबीएस-बीडीएस काउसिलिंग : 25 जून से पहले

-द्वितीय चक्र की काउसिंलिंग (सभी पाठ्यक्रम) : 27 जुलाई तक

-तृतीय चक्र की काउंसिलिंग : छह से 10 सितंबर

-शैक्षणिक सत्र की शुरुआत : एक सितंबर


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