सरकार ही करे काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष का फैसला
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष आचार्य पंडित अशोक द्विवेदी को हटाने के खिलाफ याचिका पर प्रमुख सचिव धर्मार्थ न्यास को दोनों पक्षों को सुनकर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि हटाने से पहले अध्यक्ष को सुनवाई का मौका दिया जाना चाहिए
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष आचार्य पंडित अशोक द्विवेदी को हटाने के खिलाफ याचिका पर प्रमुख सचिव धर्मार्थ न्यास को दोनों पक्षों को सुनकर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि हटाने से पहले अध्यक्ष को सुनवाई का मौका दिया जाना चाहिए था। ऐसा न किए जाने पर कोर्ट ने यह आदेश दिया है और याचिका निस्तारित कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता तथा न्यायमूर्ति वीके मिश्र की खण्डपीठ ने अशोक द्विवेदी की याचिका पर दिया है। याचिका पर राज्य सरकार के महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह एवं अपर स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर सिंह ने सरकार द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी दी। याची का कहना था कि शारीरिक रूप से अक्षम या कदाचार का आरोप सिद्ध होने पर उसे निहित प्रक्रिया से हटाया जा सकता है किंतु राज्य सरकार ने बिना कोई कारण बताए हटा दिया। कोर्ट ने अगली सुनवाई तक नया अध्यक्ष नियुक्त करने पर रोक लगाते हुए जानकारी मांगी थी। शुक्रवार को कोर्ट ने याचिका निस्तारित करते हुए याची को सुनवाई का मौका देकर नियमानुसार निर्णय लेने का निर्देश दिया है।