किसान दंपती ने खुद को जिंदा जलाया
लखनऊ। बांदा कमासिन क्षेत्र के अछरील गांव में फसल की बर्बादी से परेशान दंपती ने रविवार को खेत पर ही ख
लखनऊ। बांदा कमासिन क्षेत्र के अछरील गांव में फसल की बर्बादी से परेशान दंपती ने रविवार को खेत पर ही खुद को जिंदा जला लिया। घटना से पूरे इलाके में दहशत है। यह घटना रविवार शाम करीब साढ़े चार बजे हुई। दूसरी ओर, इस दर्दनाक घटना पर प्रशासन के भद्दे मजाक से ग्रामीण हतप्रभ रह गए। एसडीएम ने पत्नी को दुर्घटना का शिकार मानते हुए किसान दुर्घटना का लाभ दिलाने की बात कही, लेकिन उन्होंने बिना जांच के घटना को पारिवारिक कलह से जोड़ दिया जबकि ग्रामीणों के साथ ही पुलिस भी वजह फसल बर्बादी बता रही है।
साठ वर्षीय रामकृपाल यादव कुल 28 बीघा जमीन के मालिक थे। उनके दो पुत्र व एक पुत्री है। बेटे शादी के बाद से अलग रह रहे हैं। बेटी की भी शादी हो चुकी है। बेटों ने अपने हिस्से की जमीन अलग कर ली है। रामकृपाल के हिस्से में आई जमीन पर होने वाली फसल बार-बार खराब हो रही थी। शाम को वह पत्नी 55 वर्षीय बच्ची देवी के साथ खेत पर पहुंचे। दोनों काफी देर तक खेत में बर्बाद फसल की लांक देखते रहे। इसके बाद पति ने लांक में आग लगा दी। कुछ देर बाद जब लांक धू-धू कर जल उठी तो उसमें छलांग लगा दी। पति को आग की लपटों से घिरा देख पहले तो पत्नी ने उन्हें बचाने का प्रयास किया, लेकिन असफल होने पर खुद भी उसी आग में चली गई। कुछ ही पल में दोनों की मौत हो गई। ग्रामीणों ने दोनों को बचाने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो सके। गांव वालों की सूचना पर एसडीएम विनय पाठक, सीओ यशवीर सिंह व एसओ कमासिन वहां पहुंचे और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। एसडीएम ने कहा कि महिला की मौत को दुर्घटना मानते हुए किसान दुर्घटना का लाभ दिलाया जाएगा। उसके पति ने खुद आग लगाई है, इसलिए उसको यह लाभ नहीं मिलेगा। उन्होंने पारिवारिक कलह को घटना का कारण बताया।
इधर, प्रभारी थानाध्यक्ष निर्मल वाजपेयी ने कहा कि आग दोनों ने खुद लगाई है और इसका कारण बार-बार उनकी फसल बर्बाद होना है। इसे दोनों पति-पत्नी बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे और कई दिन से लगातार बदहवास हालत में थे।