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ट्रांसमिशन लाइनें ट्रिप होने से यूपी में मंडराया ग्रिड पर संकट

लखनऊ। भूकंप के तेज झटके का असर सूबे की बिजली आपूर्ति पर भी पड़ा। झटके के साथ ही राज्य के कई हिस्से मे

By Edited By: Published: Sun, 26 Apr 2015 11:00 AM (IST)Updated: Sun, 26 Apr 2015 11:00 AM (IST)
ट्रांसमिशन लाइनें ट्रिप होने से यूपी में मंडराया ग्रिड पर संकट

लखनऊ। भूकंप के तेज झटके का असर सूबे की बिजली आपूर्ति पर भी पड़ा। झटके के साथ ही राज्य के कई हिस्से में आपूर्ति ठप होने से बिजली की मांग अचानक 1600 मेगावाट तक घट गई। कई ट्रांसमिशन लाइनें ट्रिप होने से एक उत्पादन यूनिट भी ठप हो गई। एकदम से बिजली की मांग घटने पर ग्रिड पर आए संकट को टालने के लिए जहां बिजली घरों को थर्मल बैंकिंग के निर्देश दिए गए हैं वहीं प्रदेशभर को बिजली कटौती से मुक्त कर दिया गया है।

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लगभग 11.41 बजे भूकंप के झटके शुरू होने के कुछ ही मिनट में सारनाथ क्षेत्रीय लोड डिस्पैच सेंटर से जुड़ी 400 केवी क्षमता की ट्रांसमिशन लाइनों के ट्रिप होने से शक्तिभवन स्थित स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (कंट्रोल रूम) में हड़कंप मच गया। वाराणसी, मऊ, गाजीपुर, आदि पूर्वाचल के कई जिलों को बिजली आपूर्ति करने वाली आजमगढ़-सारनाथ, आजमगढ़-सुलतानपुर आदि के अलावा लखनऊ-उन्नाव ट्रांसमिशन लाइन के ट्रिप होने के साथ ही जहां टांडा बिजली घर की 110 मेगावाट क्षमता की एक यूनिट ठप हो गई वहीं बिजली की मांग पहले 1100 मेगावाट और फिर दूसरे झटके से 500 मेगावाट और घट गई जिससे ग्रिड की सामान्य फिक्वैंसी 50 ह‌र्ट्ज से बढ़कर 50.40 ह‌र्ट्ज तक पहुंच गई। ऐसे में ग्रिड फेल होने की आशंका के मद्देनजर तत्काल कंट्रोल रूम से उत्पादन निगम सहित निजी क्षेत्र के विद्युत उत्पादन गृहों को अधिकतम थर्मल बैकिंग (बिजली का उत्पादन घटाना) के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही तय शेड्यूल से जिन क्षेत्रों की बिजली आपूर्ति उस समय बंद थी वहां भी तत्काल आपूर्ति शुरू करने के निर्देश दिए गए ताकि फिक्वैंसी सामान्य हो सके।

मांग घटने से प्रदेश कटौती से मुक्त

पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक एपी मिश्र ने बताया कि भूकंप के साथ ही मौसम में बदलाव से बिजली की मांग दो हजार मेगावाट से ज्यादा कम हो गई है। गर्मी बढ़ने से पिछले दिनों शाम को जहां बिजली की मांग 11500 मेगावाट तक पहुंच रही थी वहीं शनिवार शाम को बिजली की मांग 9400 मेगावाट तक ही पहुंची। मांग घटने के मद्देनजर इनर्जी एक्सचेंज से बिजली नहीं खरीदी गई है। फिर भी मांग से अधिक बिजली की उपलब्धता होने पर पूरे प्रदेश को फिलहाल बिजली कटौती से मुक्त रखने के निर्देश दिए गए है। ऐसे में भूकंप से जिन क्षेत्रों में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी वहां बिजली आपूर्ति बनी रहेगी।

उत्पादन यूनिटों व लाइनों पर नजर

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम के साथ ही पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक संजय प्रसाद ने बताया कि निगम के अधिकारियों को उत्पादन यूनिटों व ट्रांसमिशन लाइनों पर सतर्क नजर बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। प्रसाद ने बताया कि ट्रिप हुई सभी लाइनें फिर से चालू हो गई हैं। उन्होंने बताया कि कुछ लाइनें तो ट्रिप होने के एक घंटे में ही सामान्य हो गई थी जिससे बिजली आपूर्ति पर असर नहीं पड़ा। प्रबंध निदेशक ने बताया कि भूकंप से बिजली घरों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है।

कंट्रोल रूम में डटे रहे अभियंता

भूकंप के झटके पर शक्तिभवन के जहां सभी अधिकारी-कर्मचारी बाहर आ गए वहीं कंट्रोल रूम के सभी अभियंता सूबे में बिजली आपूर्ति की स्थिति पर नजर रखने के लिए वहीं डटे रहे। गौरतलब है कि शक्तिभवन में पांचवे तल पर स्थित कंट्रोल रूम से ही सूबे में बिजली आपूर्ति पर नजर रखी जाती है। यद्यपि एक झटके के बाद फिर झटका आने पर कंट्रोल रूम को अस्थायी तौर पर मोदीपुरम क्षेत्रीय कंट्रोल रूम स्थानांतरित करने पर विचार किया गया लेकिन भूकंप की तीव्रता ज्यादा न होने पर ऐसा नहीं किया गया।


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