महामना को भारत रत्न...प्रयाग में सिमटी सारे जहां की कायनात
जैसे ही भारत रत्न के लिए महामना मदनमोहन मालवीय का नाम पुकारा गया, 92 वर्षीय सरस्वती मालवीय के पग बढ़े। वैसे-वैसे उनकी बेटियां डा. वीना मालवीय व रंजना मालवीय के चेहरे की भावभंगिमा बदलने लगी। आंखों में खुशी के आंसू। चेहरे पर मुस्कान। अपलक टीवी पर नजरें। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
लखनऊ। दिन- सोमवार। समय- सुबह तकरीबन 11.30 बजे। स्थान-मालवीय काआवास। टेलीविजन पर राष्ट्रपति भवन से अलंकरण समारोह का सीधा प्रसारण चल रहा था। इसे देख रहे कुछ चेहरों की रंगत पल-पल बदल रही थी। जैसे ही भारत रत्न के लिए महामना मदनमोहन मालवीय का नाम पुकारा गया, 92 वर्षीय सरस्वती मालवीय के पग बढ़े। वैसे-वैसे उनकी बेटियां डा. वीना मालवीय व रंजना मालवीय के चेहरे की भावभंगिमा बदलने लगी। आंखों में खुशी के आंसू। चेहरे पर मुस्कान। अपलक टीवी पर नजरें। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने जैसे ही सरस्वती मालवीय को भारतरत्न सौंपा, दोनों बहनें ताली बजाकर खुशी से उछल पड़ीं। बोलीं ...पूरा हो गया सपना। फिर एक-दूसरे को बधाई..। सब कुछ चंद पलों में। इसे शब्दों में बांधना कठिन है, पर खुशी का अहसास तो इन शब्दों से होता ही है। वैसा हुआ भी।
सरस्वती की बड़ी बेटी डा. वीना मालवीय ने दैनिक जागरण से कहा, 'महामना को भारतरत्न मिलने से हमारे परिवार के साथ इलाहाबाद का गौरव बढ़ा है। मेरी मां को इससे नई ऊर्जा मिली है। उन्होंने 25 वर्ष की उम्र में ही विधवा होने के बाद काफी कष्ट सहे हैं।Ó बकौल वीणा, मां को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान लेते देखना हमारे लिए गर्व की बात है। सरस्वती मालवीय के घर में भारतरत्न आएगा, यह कितना खुशगवार क्षण होगा, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जोर-शोर से घर में रंग-रोगन का काम चल रहा है। सरस्वती की छोटी बेटी रंजना मालवीय कहती हैं, 'भारतरत्न हमारे लिए गौरव से जुड़ा है। सो, उसको लाए जाने से पहले पूरे घर की रंगत बदली जा रही है।Ó यहां उल्लेखनीय है कि सरस्वती मालवीय ने सबसे पहले भारत रत्न को प्रयाग लाने की बात कही है। 27 मार्च को दिल्ली रवानगी के समय उन्होंने दैनिक जागरण को बताया था कि प्रयाग में भारत रत्न कुछ दिन रखा जाएगा। फिर इसे बीएचयू को सौंपा दिया जाएगा, जहां यह संग्र्रहालय की शोभा बढ़ाएगा ताकि आने वाली पीढिय़ां प्रेरणा ले सकें।