बदायूं में गंगा भक्तों का जमघटः दुनिया के पहले भगीरथ मंदिर की रखी आधारशिला
उत्तर प्रदेश के लिए यह अवसर अनूठा रहा, जब गोमुख से गंगा सागर तक करीब ढाई हजार किमी की यात्रा करने वाली मां गंगा का तप बल से अवतरण कराने वाले राजर्षि भगीरथ के पहले मंदिर की आधारशिला रखी जा रही थी। चैत्र शुक्ल दशमी को कश्यप ऋषि की तपस्थली
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लिए यह अवसर अनूठा रहा, जब गोमुख से गंगा सागर तक करीब ढाई हजार किमी की यात्रा करने वाली मां गंगा का तप बल से अवतरण कराने वाले राजर्षि भगीरथ के पहले मंदिर की आधारशिला रखी जा रही थी। चैत्र शुक्ल दशमी को कश्यप ऋषि की तपस्थली कछला गंगा घाट (बदायूं-उप्र) पर जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी रामचंद्राचार्य ने भूमि पूजन के बाद वेदमंत्रोच्चार के बीच भगीरथ मंदिर का शिलान्यास किया। त्रिदंडी स्वामी वासुदेवाचार्य, शिव बोध धाम ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी पगलानंद, फलाहारी बाबा रामदास, महंत हरिओम दास सहित सैकड़ों ख्यातिलब्ध संत एवं गंगा भक्त इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बने।
बदायूं में बीते दो वर्षो से चलाए जा रहे अविरल गंगा निर्मल गंगा अभियान से जुड़े साधु संतों एवं विभिन्न संगठनों ने भगीरथ तपस्थली कछला गंगा घाट पर भगीरथ मंदिर के निर्माण का संकल्प लिया था। इसी के तहत रविवार को कछला रेलवे स्टेशन के समीप गंगा किनारे मंदिर की आधारशिला रखी गई। स्वामी रामचंद्राचार्य ने कहा राजा भगीरथ किसी पहचान के मोहताज नहीं। गोमुख से गंगा सागर तक बहती गंगा ही उनके अमिट हस्ताक्षर हैं। इसके बावजूद उस महापुरुष के प्रति भावांजलि, श्रद्धांजलि देने के लिए उनकी ही तपस्थली पर मंदिर निर्माण कराया जा रहा है। उन्होंने कहा यह अनूठा मंदिर पूरी दुनिया में बदायूं को अलग एवं श्रेष्ठ पहचान दिलाएगा। उन्होंने भगीरथ को लोककल्याण की भावना और पुरुषार्थ का प्रतीक बताते हुए कहा कि विष्णु चरण से निकली गंगा तो ब्रह्मा के कमंडल तक ही आती है, लेकिन हमें जो गंगा दिखाई पड़ रही हैं, वो तपस्वी भगीरथ की देन हैं। उन्होंने कहा कि भगीरथ ने अपने तपबल से गंगा को धरती पर लाकर करोड़ों अरबों लोगों को तारने का काम किया है। एक प्रकार से उन्होंने मृत्यु लोक में स्वर्ग लोक तक पहुंचने की सीढ़ी गंगा के रूप में दे दी है। संत महासभा के प्रदेश अध्यक्ष एवं शिवबोध धाम ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी पगलानंद ने कहा कि गंगा भक्तों के सहयोग से ऐसा भव्य भगीरथ मंदिर बनवाया जाएगा कि पूरे देश-दुनिया से श्रद्धालु उस तपोमूर्ति का दर्शन करने आएंगे। त्रिदंडी स्वामी वासुदेवाचार्य ने कहा भगीरथ मंदिर में शंकर की जटाओं से निकलकर भगीरथ के पीछे गंगा दिखाई देंगी। उन्होंने सभी गंगा भक्तों का आह्वान किया कि इस पुण्य अनुष्ठान में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त करें। इस मौके पर बाबा हरिओम दास, पूर्व एमएलसी भारत सिंह यादव, कांग्रेस के प्रदेश महासचिव ओमकार सिंह, दातागंज के चेयरमैन राजीव गुप्ता, हरिओम पाराशरी, स्मृति वंदन के भानु प्रकाश भानु, डा.अरविंद धवल, आदित्य माहेश्वरी, प्रशांत गुप्ता, ओमकार सिंह तोमर, रविशरण सिंह, संजय सिंह, पुष्पपाल सिंह, महेंद्र सिंह, सचिन सूर्यवंशी, वेदभानु आर्य, माखन लाल, नवीन मिश्रा, यतेंद्र पाल सिंह, महेशानंद आदि ने विचार रखते सहयोग का भरोसा दिलाया।