संसद में किसानों की कहने वाला कोई नहीं: जयंत
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव जयंत चौधरी ने कहा कि किसान खेती में हुए नुकसान से आत्महत्या को मजबूर हैं। सरकार किसानों की जमीन हड़पने की नीति बना रही है। देश की सबसे बड़ी चौपाल में किसानों की बात कहने वाला कोई नहीं है। जाट आरक्षण को खत्म कर सरकार
लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव जयंत चौधरी ने कहा कि किसान खेती में हुए नुकसान से आत्महत्या को मजबूर हैं। सरकार किसानों की जमीन हड़पने की नीति बना रही है। देश की सबसे बड़ी चौपाल में किसानों की बात कहने वाला कोई नहीं है। जाट आरक्षण को खत्म कर सरकार ने युवाओं को मायूस किया है। सरकार को युवाओं ने चुना था, वह ही उन्हें धोखा दे रही है।
रालोद महासचिव व पूर्व सांसद जयंत चौधरी ने आज मथुरा की जनसभाओं के दौरान कहीं। सौंख क्षेत्र के गांव सोन में किसान जनजागरण यात्रा के तहत हुई जनसभा में पूर्व सांसद ने भूमि अधिग्रहण बिल संशोधन पर अपनी बात कहने के साथ हार की पीड़ा भी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि लोकदल का प्रतिनिधि संसद में न पहुंचने से सबसे बड़ा नुकसान किसानों का हुआ है। अब संसद में किसानों की वकालत को कोई भी तैयार नहीं है। जितनी नीतियां बन रही हैं, सब उद्योगपतियों के हितों को सुरक्षित करती हैं।
वहीं, नंदगांव के लठामार होली चौक पर हुई जनसभा में पूर्व सांसद ने केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण बिल पर जमकर हल्ला बोला। कहा कि यदि अब हम चुप बैठ गए तो हमारी कई पीढिय़ां इसके दुष्परिणामों से जूझेंगीं। जिन किसानों के पास आय का कोई अन्य साधन नहीं है, उनके पास खेती ही एकमात्र विकल्प है। मोदी माहौल और लोग देखकर भाषण देते हैं। राज्य सरकार पर उन्होंने कहा कि पुलिस भर्ती में मात्र दो-तीन जिले के ही लोग मैरिट में आए हैं। वह बोले 'मैं हारा नहीं हूं, आज भी आप लोगों के बीच किसान और मजदूरों का प्रतीक बनकर स्तंभ की तरह खड़ा रहूंगा।Ó उन्होंने 23 मार्च को भट्टा पारसौल की रैली में भाग लेने की लोगों से अपील की।