डेढ़ सौ किमी से पहले नहीं रुकेंगी मेल-एक्सप्रेस टे्रनें
। रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा के अनुसार अब रेलवे देशहित में कड़े फैसले लेगी। विचार चल रहा है कि मेल व एक्सप्रेस टे्रनें 150 से 200 किलोमीटर के बाद ही रुकें। हालात यह है कि चार सौ रेलखंड ऐसे हैं जिनपर 100 फीसद से अधिक गाडिय़ां चल रही हैं। यही
लखनऊ। रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा के अनुसार अब रेलवे देशहित में कड़े फैसले लेगी। विचार चल रहा है कि मेल व एक्सप्रेस टे्रनें 150 से 200 किलोमीटर के बाद ही रुकें। हालात यह है कि चार सौ रेलखंड ऐसे हैं जिनपर 100 फीसद से अधिक गाडिय़ां चल रही हैं। यही कारण है कि इस रेल बजट में नई टे्रनें नहीं चलाई गईं। पहले संसाधन मजबूत किया जाएगा, इसके बाद ही नई गाडिय़ों के बारे में विचार होगा।
सिन्हा ने वाराणसी में कहा कि मुगलसराय से इलाहाबाद तक तीसरी लाइन बनाने की स्वीकृति दी गई है क्योंकि रात में कई राजधानी एक्सप्रेस को पास कराने के चक्कर में अन्य गाडिय़ां दो-दो घंटे लेट हो जाती हैं, तीसरी लाइन के होने से यह समस्या दूर होगी।
एक सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कि जब लंबी दूरी की मेल-एक्सप्रेस गाडिय़ां 150-200 किमी के बीच नहीं रुकेंगी, तब इनके बीच पडऩे वाले स्टेशनों से चलने वाले यात्रियों के लिए पैसेंजर टे्रनों को समय से चलाने का भी प्रयास होगा। श्री सिन्हा ने कहा कि आम बजट में सेवा कर बढ़ाने से यात्री किराये पर कोई विशेष फर्क नहीं पड़ेगा, हां, मामूली वृद्धि होगी। रेलवे आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। इस बजट में एक हजार लाख करोड़ रुपये की विकास योजनाएं स्वीकृत की गई हैं ताकि नई लाइनें बिछाई जाएं, दोहरीकरण, विद्युतीकरण व आमान परिवर्तन समेत स्टेशनों पर यात्री सुविधाएं बढ़ाई जा सकें।
उन्होंने बताया कि महिला डिब्बों की गैलरी में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। केबिन में कैमरे लगाने पर निजता प्रभावित होगी। दरअसल, रेलवे में सुरक्षा की तीन स्तरीय व्यवस्था है। जीआरपी, आरपीएफ और सिविल पुलिस, इस कारण समस्या है। बहरहाल, सुरक्षा व संरक्षा पर मंथन शुरू है। इसके तहत अगले तीन वर्षों में 32 सौ मानव रहित क्रासिंग पर फाटक लगा लेने की योजना है।