उत्पादकता बढ़ाने के लिए नए प्रयोगों पर जोर, स्वचालन अपनाने की सलाह
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भगवत शरण गंगवार ने आज कहा कि आधुनिक तकनीक और अभिनव प्रयोगों का इस्तेमाल करके लघु उद्योग वैश्विक बाजार में अपने उत्पादों को प्रतिस्पर्धात्मक बना सकते हैं। तकनीक और अभिनव प्रयोगों में निवेश के जरिये उत्पादों का दोषरहित निर्माण संभव हो
लखनऊ। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भगवत शरण गंगवार ने आज कहा कि आधुनिक तकनीक और अभिनव प्रयोगों का इस्तेमाल करके लघु उद्योग वैश्विक बाजार में अपने उत्पादों को प्रतिस्पर्धात्मक बना सकते हैं। तकनीक और अभिनव प्रयोगों में निवेश के जरिये उत्पादों का दोषरहित निर्माण संभव हो सकेगा जो कि वक्त का तकाजा भी है।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम दर्जे के उद्योगों (एमएसएमई) में तकनीक और अभिनव प्रयोग को बढ़ावा देने के मकसद से होटल ताज में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) की ओर से आयोजित एमएसएमई एक्सीलेंस समिट को वह बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर संयुक्त निर्यात आयुक्त आरके सिंह ने उत्तर प्रदेश में एमएसएमई सेक्टर की संभावनाओं को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि एमएसएमई और सरकार मिलकर इस सेक्टर की उत्पादकता बढ़ा सकते हैं। उत्पादकता बढऩे से इस सेक्टर का निर्यात भी बढ़ेगा। निर्यात प्रोत्साहन की सरकारी नीतियों के बारे में भी उन्होंने जानकारी दी। सीआइआइ उप्र स्टेट काउंसिल के अध्यक्ष सचिन अग्रवाल ने एमएसएमई सेक्टर की उत्पादकता बढ़ाने के लिए स्वचालन अपनाने पर जोर दिया।
पहले तकनीकी सत्र में यामाजाकी माजाक इंडिया के उप महाप्रबंधक अनिल भारद्वाज ने एमएसएमई सेक्टर में उत्पादकता बढ़ाने के लिए कंप्यूटर न्यूमैरिकल कंट्रोल (सीएनसी) मशीन के उपयोग की वकालत की। उन्होंने कहा कि यह मशीनें पर्यावरण के अनुकूल होती हैं और उद्योग विशेष की जरूरत के मुताबिक तैयार की जा सकती हैं। एल एंड टी के हेड उप्र मनीष वर्मा ने कहा कि एमएसएमई सेक्टर के उत्पादों की लागत में बिजली पर हुए खर्च की बड़ी हिस्सेदारी होती है। स्वचालन का इस्तेमाल कर एमएसएमई सेक्टर ऊर्जा की बचत कर अपने उत्पादों की लागत में कमी ला सकता है। दूसरे तकनीकी सत्र में जैक्सन पावर सॉल्यूशन के उपाध्यक्ष खालिद नदीम ने रूफ टॉप सोलर पैनल को व्यावसायिक दृष्टि से व्यावहारिक और ऊर्जा का भरोसेमंद स्रोत बताया। एचडीएफसी बैंक के पीयूष ओझा ने लखनऊ और वाराणसी के जरी कारीगरों को उनकी जरूरतों के लिए कर्ज दिलाने के बारे में बैंक की भूमिका की जानकारी दी।