भूमि अधिग्रहण अध्यादेश किसान विरोधी, भाकियू का सात को प्रदर्शन
भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर जमकर बरसे और कहा कि देश का किसान पहले से ही बेहाल है और अब केंद्र सरकार ने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश लाकर किसानों की कमर तोड़ दी है। यह अध्यादेश बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
लखनऊ। भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर जमकर बरसे और कहा कि देश का किसान पहले से ही बेहाल है और अब केंद्र सरकार ने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश लाकर किसानों की कमर तोड़ दी है। यह अध्यादेश बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भाकियू सात जनवरी को प्रदेशभर में कलक्टे्रट पर धरना प्रदर्शन करेगी।
आज बिजनौर में राकेश टिकैत ने गन्ना समिति सभागार में पत्रकार वार्ता में कहा कि पहले भूमि अधिग्रहण करने के लिए 70 फीसदी किसानों की सहमति होती थी। नए अध्यादेश के अनुसार, सरकार जब चाहे अपने दाम पर भूमि अधिग्रहण कर सकती है। इसमें ऐसे तमाम बदलाव किए गए हैं, जो किसानों के हित में नहीं हैं। केंद्र सरकार ने आने से पहले किसानों के अच्छे दिन का वादा किया था, लेकिन वह अच्छे दिनों की जगह काले दिन ला रही है। यूपी में गन्ना व धान, तो आंध्रप्रदेश में किसानों को हल्दी के दाम नहीं मिल रहे हैं। उन्होंने सरकार व प्रशासन से 280 रुपये के भाव से 14 दिन के भीतर गन्ना भुगतान की मांग की। यदि प्रदेश सरकार किसानों की समस्याओं का निदान करने में नाकाम है, तो प्रदेश को चार हिस्सों में बांटने का प्रस्ताव करे। भाकियू अलग राज्य बनाने की भी लड़ाई लड़ेगी। उन्होंने दो टूक कहा कि 2015 किसान क्रांति के नाम से जाना जाएगा।