बीएचयू को बीस करोड़ रुपये का अनुदान देगा इंग्लैंड
वाराणसी का काशी हिंदू विश्वविद्यालय इन दिनों दुनिया में अपनी पहचान बुलंद कर रहा है। दुनिया के देश यहां के वैज्ञानिक शोध से इतने प्रभावित हैं कि विश्वविद्यालय में वैज्ञानिक अध्ययन के लिए करोड़ों रुपयों का अनुदान दे रहे हैं। काशी ङ्क्षहदू विश्वविद्यालय के चिकित्सा विज्ञान संस्थान को इंग्लैंड 20
लखनऊ। वाराणसी का काशी हिंदू विश्वविद्यालय इन दिनों दुनिया में अपनी पहचान बुलंद कर रहा है। दुनिया के देश यहां के वैज्ञानिक शोध से इतने प्रभावित हैं कि विश्वविद्यालय में वैज्ञानिक अध्ययन के लिए करोड़ों रुपयों का अनुदान दे रहे हैं। काशी ङ्क्षहदू विश्वविद्यालय के चिकित्सा विज्ञान संस्थान को इंग्लैंड 20 करोड़ रुपये का अनुदान देने जा रहा है। इस धनराशि से संस्थान में आनुवांशिक बीमारियों का अध्ययन किया जाएगा।
इंग्लैंड की 'जेनेटिक डिसआर्डर स्टडी' के राष्ट्रीय नोडल अधिकारी व चिकित्सा विज्ञान संस्थान के पूर्व निदेशक प्रो. टीएम महापात्रा ने बताया कि इस धनराशि को आनुवांशिक बीमारियों को दूर करने के लिए किए जाने वाले शोध पर खर्च किया जाएगा। इससे पूर्वांचल समेत देश भर में बढ़ रही आनुवांशिक बीमारियों के लिए कारगर इलाज व दवाओं की इजाद में सहयोग मिले। उन्होंने कहा कि इंग्लैंड की ओर से देश में दो अन्य स्थानों पर भी यह परियोजना चलाई जा रही है। इसमें केरल व उड़ीसा शामिल है।
प्रो. महापात्रा पिछले महीने इंग्लैंड गए थे। वहां उन्होंने उच्चाधिकारियों व व मंत्रियों से मुलाकात की थी। इंग्लैंड सरकार ने उन्हें अनुदान के लिए भरोसा दिया है। इंग्लैंड सरकार ने बीएचयू में हो रहे वैज्ञानिक शोधों की सराहना भी की। उधर चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. राणा गोपाल सिंह ने भी यह बात स्वीकारी कि इंग्लैंड की ओर से संस्थान में कई परियोजनाएं चल रही हैं। कुछ नई शुरू भी होने वाली हैं। वहां से मंजूरी तो मिल गई है बस अनुदान और परियोजना पत्र का इंतजार है।