आजम से खफा राज्यपाल ने की मुख्यमंत्री से शिकायत
लखनऊ(राज्य ब्यूरो)। राजभवन तथा उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री आजम खां के बीच तल्खी से ऐसा लगता है कि आ
लखनऊ(राज्य ब्यूरो)। राजभवन तथा उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री आजम खां के बीच तल्खी से ऐसा लगता है कि आठ वर्ष बाद इतिहास फिर दोहराने की ओर बढ़ रहा है। आठ वर्ष पहले तत्कालीन राज्यपाल टीवी राजेस्वर को जो पीड़ा हुई थी वैसा ही अनुभव मौजूदा राज्यपाल राम नाईक को हुआ है। राजेस्वर ने शिकायत तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव से की थी तो राम नाईक ने नगर विकास मंत्री मोहम्मद आजम खां की शिकायत कल मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से की।
राज्यपाल ने आजम खां के उन्हें अयोध्या के राम मंदिर का पुजारी बताए जाने पर अपनी आपत्ति से मुख्यमंत्री को अवगत कराया है। राज्यपाल ने कहा कि उनके लिए भगवान राम के मंदिर का पुजारी बनना सौभाग्य व गर्व का विषय है लेकिन आजम खां को ध्यान रखना चाहिए कि वह किसी राजनैतिक पद पर बैठे व्यक्ति के विरुद्ध टिप्पणी कर रहे हैं या फिर संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ बोल रहे हैं।
गौरतलब है कि मुलायम सिंह यादव सरकार में आजम खां ने मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय को लेकर तत्कालीन राज्यपाल टीवी राजेस्वर पर टिप्पणियां की थीं। तब राजेस्वर इतना क्षुब्ध हुए कि विवाद अभूतपूर्व संकट की ओर बढ़ने लगा। अंतत: मामले का पटाक्षेप कराने के लिए स्वयं मुलायम सिंह मंत्री आजम खां को लेकर राजभवन गए। आजम खां के राज्यपाल से खेद प्रकट करने के बाद ही तब उठा का तूफान शांत हुआ था।
आजम खां की राज्यपाल राम नाईक पर टिप्पणी को लेकर राज्यपाल के तेवर तीखे हैं। नगर विकास विभाग के प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की कथित तौर पर जानबूझ कर की जा रही उपेक्षा राज्यपाल को उनके खिलाफ एक और अस्त्र दे सकती है। गौरतलब है कि विधान सभा के बीते सत्र में वाराणसी केभाजपा विधायक के सवाल के जवाब में संसदीय कार्य व नगर विकास मंत्री आजम खां ने व्यंग्य भरे अंदाज में कहा था कि क्या अब भी वहां (नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद) कोई कमी है। अब तो वहां विकास की गंगा बह रही है और घरों में सोना चांदी बरस रहा है।