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लखनऊ में 30 जनवरी को जुटेंगे असंतुष्ट कांग्रेसी

चुनावी शिकस्त से उत्तर प्रदेश में लगातार पस्त कांग्रेस में बगावती सुर तेज हो गए हैं। नेतृत्व पर चांडाल चौकड़ी में घिरने व संगठन का सिस्टम ध्वस्त कर देने जैसे आरोप लगाए जा रहे हैं। नए वर्ष में असंतुष्ट कांग्रेसियों का लखनऊ में होने वाला जमावड़ा नया फ्रंट या पार्टी

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 18 Dec 2014 10:58 AM (IST)Updated: Thu, 18 Dec 2014 11:05 AM (IST)
लखनऊ में 30 जनवरी को जुटेंगे असंतुष्ट कांग्रेसी

लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। चुनावी शिकस्त से उत्तर प्रदेश में लगातार पस्त कांग्रेस में बगावती सुर तेज हो गए हैं। नेतृत्व पर चांडाल चौकड़ी में घिरने व संगठन का सिस्टम ध्वस्त कर देने जैसे आरोप लगाए जा रहे हैं। नए वर्ष में असंतुष्ट कांग्रेसियों का लखनऊ में होने वाला जमावड़ा नया फ्रंट या पार्टी बनाने के संकेत दे रहा है। कांग्रेस में 'कार्यकर्ता बनाम नेता' नारे से बदलाव की मुहिम आरंभ करने को महात्मा गांधी का बलिदान दिवस 30 जनवरी निश्चित किया गया है।

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कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके युवक कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्वयं प्रकाश गोस्वामी ने आम कार्यकर्ताओं की पीड़ा साझा करते हुए कल पार्टी नेताओं पर तमाम सवाल खड़े किए। सोनिया एवं राहुल गांधी का सीधे नाम न लेते हुए उन्होंने नेतृत्व को कोसने में कमी नहीं छोड़ी। नेतृत्व पर चांडाल चौकड़ी से घिरने का आरोप लगाते हुए कहा आरएसएस में काम करने वाले को प्रदेश कांग्रेस का प्रभारी बना दिया और चुनाव हारे नेता को राज्यसभा भेजने से कार्यकर्ताओं में गलत संदेश गया। 12 रुपये में जनता को भर पेट खाना खिलाने की बात कर पार्टी डुबोने वाले पार्टी प्रवक्ता हो गए। लगातार बुरी पराजय के बावजूद आज तक समीक्षा नहीं हुई। जिम्मेदार नेताओं को हटाने के बजाए संघर्षों में लाठियां खाने वाले 30 जिला शहर अध्यक्ष हटा दिए गए। गोस्वामी यहीं पर नहीं थमे, उन्होंने केंद्र में दस वर्ष सत्तासीन रहे उप्र के मंत्रियों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सूची देकर बताएं कितने कार्यकर्ताओं का भला किया गया।

गोस्वामी गत पांच दिसंबर को राहुल गांघी को त्यागपत्र सौंप चुके हैं। अब तक इस्तीफा स्वीकार नहीं होने की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि 30 जनवरी को लखनऊ में कांग्रेसियों का ऐतिहासिक जमावड़ा होगा, जिसमें निणार्यक कदम उठाए जाएंगे। हर जिले में 10-15 ऐसे नेताओं से संपर्क जारी है, जो कांग्रेस के सड़ चुके सिस्टम में आमूलचूल बदलाव चाहते हैं। गांधीजी के बलिदान दिवस पर नया फ्रंट या पार्टी बनाने जैसा फैसला भी संभव है।

राहुल-प्रियंका गांधी से नहीं, विचारधारा से बच सकेगी कांग्रेस

गोस्वामी का कहना है कि कांग्रेस को बचाने के लिए उसकी मूल विचारधारा को मजबूत किया जाए न कि केवल सोनिया गांधी के सामने ही नारे लगाने की परंपरा चलती रहे। प्रियंका को ड़ूबती कांग्रेस को बचाने के लिए लाने के सवाल पर गोस्वामी का कहना था कि कांग्रेस को राहुल प्रियंका नहीं, उसकी विचारधारा को मजबूत करके और आम कार्यकर्ताओं की भावना को सम्मान देकर बचाया जा सकता है।


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