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सीसीटीवी बिना नए स्कूलों को यूपी बोर्ड की मान्यता नहीं

लखनऊ। माध्यमिक स्कूलों को नई मान्यता चाहिए तो सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य होगा। सीसीटीवी न लगे होन

By Edited By: Published: Fri, 28 Nov 2014 07:34 PM (IST)Updated: Fri, 28 Nov 2014 07:34 PM (IST)
सीसीटीवी बिना नए स्कूलों को यूपी बोर्ड की मान्यता नहीं

लखनऊ। माध्यमिक स्कूलों को नई मान्यता चाहिए तो सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य होगा। सीसीटीवी न लगे होने पर मान्यता नहीं मिलेगी। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने यह नियम लागू किया है। स्कूलों में पठन-पाठन एवं अनुशासन बनाए रखने उददेश्य से ऐसा किया गया है। मान्यता देते समय बोर्ड अधिकारी विद्यालय के निरीक्षण में कैमरों की पड़ताल करेंगे, हर कक्षा में कैमरा लगा होने पर ही मान्यता मिलेगी।

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वैसे बोर्ड ने सभी विद्यालयों में कैमरा लगवाने का फरमान जारी किया है। जिन विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाया गया है वहां सीसीटीवी कैमरा अनिवार्य है। बीते दिनों प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा ने 2015 की बोर्ड परीक्षा में केंद्र बने विद्यालयों में सीसीटीवी कैमरा लगाने का निर्देश दिया था। विद्यालय प्रबंधन को अपने खर्च पर हर कक्षा के साथ आने-जाने वालों में नजर रखने के लिए भी दो सीसीटीवी कैमरा लगाने को कहा गया है। विद्यालय प्रबंधन धन की कमी का हवाला देते हुए सीसीटीवी कैमरा लगाने में असमर्थता व्यक्त कर रहे हैं। जिससे हर बार की तरह इस बार भी यूपी बोर्ड की हाईस्कूल, इंटरमीडिएट परीक्षाओं में नकल माफियाओं का प्रभाव खत्म होता नजर नहीं आ रहा। परिषद ने इसकी काट निकालते हुए नए विद्यालयों में सीसीटीवी कैमरा लगे होने पर ही मान्यता देने का निर्णय लिया है। विद्यालय प्रबंधन को मान्यता के लिए अग्निशमन यंत्र, खिड़की-दरवाजा, खेल का मैदान, पीने का शुद्ध पानी, शौचालय, प्रयोगशाला के साथ सीसीटीवी कैमरे होने की सूचना भी देनी होगी। परिषद सचिव प्रभा त्रिपाठी का कहना है बोर्ड परीक्षा को नकलमुक्त बनाने के लिए हम प्रतिबद्ध है, उसी के तहत हर विद्यालयों में सीसीटीवी कैमरा लगवाए जा रहे हैं।

तैयार हो रही सात करोड़ कापियां

यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। माध्यमिक शिक्षा परिषद गर्वनमेंट प्रेस से सात करोड़ कापियां छपवा रहा है। इस बार हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा में लगभग 64 लाख छात्र-छात्राएं शामिल होंगे। उन्हें परीक्षा में कापियों की कमी न होने पाए इसके लिए सात करोड़ कापियां छपवाकर हर जिले में खपत के अनुरूप भेजा जाएगा।


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