बनारस के लड़के के साथ विवाह के बंधन में बंधी जापानी बाला
लखनऊ। प्रधानमंत्री तथा वाराणसी के सांसद नरेंद्र मोदी के जापान दौरे के बाद से भारत व जापान ही नही
लखनऊ। प्रधानमंत्री तथा वाराणसी के सांसद नरेंद्र मोदी के जापान दौरे के बाद से भारत व जापान ही नहीं भारत की संास्कृतिक राजधानी माने जाने वाला शहर वाराणसी भी जापान के बेहद करीब आ रहा है। वाराणसी को जापान के क्वेटो के तर्ज पर विकसित करने की योजना भी रफ्तार पकड़ रही है। इसी बीच वाराणसी के एक लड़के से जापानी बाला के साथ सात फेरे लेकर दोनों देशों के बीच मजबूत हो रहे रिश्ते को पुख्ता करने का प्रयास किया है।
वाराणसी की आवो-हवा ऐसी है कि हो ही नहीं सकता कि दुनिया के किसी कोने से कोई काशी आए और यहां की न मालूम किस चीज से उसका दिल लग जाए। कोई गंगा घाट पर फिदा हो जाता है तो किसी की नजर में बस जाता है सुबह-ए-बनारस। न जाने कितनी विदेशी युवतियां हैं जिन्होंने बनारसी छोरों को न सिर्फ दिल दिया, बल्कि उनके साथ घर बसा लिया। वाराणसी के ग्रामीण अंचल में कल ऐसा ही हुआ।
जापान से घूमने आई एक जापानी बाला, एक बनारसी छोरे को दिल दे बैठी, यह मामला अंजाम तक पहुंचा और बुधवार को दोनों ने शादी भी रचा ली। खास बात यह रही कि जापानी दुल्हनिया कल रात स्वयं बरात लेकर दूल्हे के घर आ गई। हिंदू रीति-रिवाज से गले में जयमाला डालने के साथ ही दोनों ने अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए और सात जन्मों तक साथ निभाने की कसमें खाई।
मेहदीगंज गांव के विनय कुमार जायसवाल उर्फ पिंटू टूरिस्ट गाइड है। जापान के ओदावरा की साचिको जिम्बो करीब दो वर्ष पहले सारनाथ घूमने आई थी। पिंटू ने ही उसे बनारस और आसपास की सैर कराई। दोनों के बीच अच्छी दोस्ती हो गई। समय बीता और दोनों के बीच प्रेम परवान चढ़ने लगा। बात अंतत: शादी के बंधन तक पहुंच गई। इस बीच गाइड पिंटू ने भी जापान का दौरा कर वहां साचिको के परिवारीजन से मुलाकात भी की और शादी की बात भी। पिंटू के पिता सूरज प्रसाद जायसवाल भी जापानी बहू को घर लाने की बात से खुद को गौरवान्वित समझते हुए बेटे की शादी का कार्ड क्षेत्र सहित नातेदारी में बांटते रहे। उधर कन्या के पिता आतसुशी जिम्बो बेटी संग बारात लेकर जापान से बनारस पहुंच गए।
रस्म अदायगी के तहत पिंटू, सजी धजी गाड़ी में बैठकर घर से निकला और बारात राजातालाब तक घूमकर पुन: घर पहुंच गई। देर शाम दूल्हा स्टेज पर था। जयमाल के बाद विवाह की सारी रस्में देर रात तक चलती रहीं। ग्रामीणों ने जापान से आए बरातियों का स्वागत करने के साथ ही वर-वधू को आशीर्वाद देकर लजीज व्यंजनों का लुत्फ उठाया।