एएमयू के पुस्तकालय में छात्राओं के जाने की अनुमति
लखनऊ। अलीगढ़ मुस्लिम विशवविद्यालय के कुलपति जमीरुद्दीन शाह ने मौलाना आजाद पुस्कालय में छात्राओं क
लखनऊ। अलीगढ़ मुस्लिम विशवविद्यालय के कुलपति जमीरुद्दीन शाह ने मौलाना आजाद पुस्कालय में छात्राओं को जाने की अनुमति दे दी है। कुलपित ने आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में हलफनामा के माध्यम से यह आश्वासन दिया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ के डीएम एवं एसएसपी को आदेश दिया है कि छात्राओं की सुरक्षा के मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन का सहयोग करें। कुलपति के इस आश्वासन पर कोर्ट ने याचिका निस्तारित कर दी और कहा कि लिंग के आधार पर किसी को भी भेद का अधिकार नहीं है। ऐसा करना महिलाओं की आजादी के मूल अधिकार का उल्लंघन है।
यह आदेश मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ एवं न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल की खंडपीठ ने एक छात्र दीक्षा द्विवेदी की याचिका पर दिया है। याचिका में आरोप लगाया गया था कि कुलपति ने बयान में छात्राओं को पुस्तकालय में इस आधार पर प्रवेश न देने को कहा है कि वहा पहले से ही काफी भीड़ है। याची कहना है कि लिंग के साथ भेदभाव किया है, जबकि छात्रों के समान ही छात्राओं को पुस्तकालय में बैठने का समान रूप से अधिकार है। यह बयान अखबारों में छपा, जिसे लेकर जनहित याचिका दाखिल कर छात्राओं के लिए पुस्तकालय में अतिरिक्त व्यवस्था करने तथा छात्राओं के साथ भेदभाव न किए जाने की माग की गई । ज्ञातव्य है कि कोर्ट पुस्तकालय में प्रवेश की अनुमति न देने को लेकर दाखिल याचिका पर दोनों अधिकारियों से स्पष्टीकरण मागा था। कोर्ट ने पूर्व में टिप्पणी की थी कि वैधानिक प्राधिकारी होने के नाते संवैधानिक उपबंधों के तहत छात्राओं के पुस्तकालय में प्रवेश से उठे विवाद का हल निकाला जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि संविधान के अनुच्छेद 14 एवं 15 के अंतर्गत मिले समानता के मूल अधिकार के तहत लिंग के आधार पर विभेद नहीं किया जा सकता है। पुस्तकालय में अधिक भीड़ एकत्र होने की आशका को लेकर लिंगभेद नहीं किया जाना चाहिए।