प्रो.जीसी त्रिपाठी बीएचयू के नए कुलपति
लखनऊ। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के लिए सोमवार का दिन मिश्रित भाव लिए रहा। एक ओर जहां लंबे इ
लखनऊ। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के लिए सोमवार का दिन मिश्रित भाव लिए रहा। एक ओर जहां लंबे इंतजार के बाद प्रो.जीसी त्रिपाठी के रूप में बीएचयू को नए कुलपति मिल गए, वहीं दूसरी ओर पूर्व कुलसचिव को निलंबित करते हुए पूर्व चीफ प्राक्टर को कारण बताओ नोटिस दी गई। इसके अलावा बीएचयू के हालिया उपद्रव में चिन्हित 17 छात्रों को भी निलंबित कर दिया गया है।
सोमवार को नए कुलपति की बाबत बीएचयू के केंद्रीय कार्यालय को मानव संसाधन विकास मंत्रालय का फैक्स प्राप्त हो गया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के अध्यापक प्रो.गिरीश चंद्र त्रिपाठी, बीएचयू के 26वें कुलपति के रूप में दायित्व संभालेंगे। मंत्रालय ने उन्हें यह जिम्मेदारी उनकी ईमानदार छवि और बेहतरीन प्रशासनिक क्षमता को देखते हुए दी है। बीएचयू में 22 अगस्त के बाद प्रभारी कुलपति ही परिसर चला रहे थे। प्रो.जीसी त्रिपाठी ने टेलीफोन पर कहा कि बीएचयू महामना की तपस्थली है। यहां आना सौभाग्य की बात है। प्रो.त्रिपाठी के नाम का फैक्स आने के बाद वर्तमान प्रभारी कुलपति प्रो.राजीव संगल ने उन्हें फोन पर बधाई दी।
दूसरी ओर, बीएचयू के पूर्व कुलसचिव व हिंदी के प्रो.विनय सिंह को प्रभारी कुलपति प्रो.राजीव संगल ने निलंबित कर दिया है। बताया जा रहा है कि प्रो.सिंह पर वित्तीय अनियमितता और विवि परिसर में अराजकता फैलाने में भूमिका निभाने का आरोप है। प्रो. विनय के निलंबन में चंद्रकला पाडिया कमेटी की रिपोर्ट, कैग जांच आदि को विशेष रूप से आधार बनाया गया। ज्ञात हो कि पूर्व कुलपति डा.लालजी सिंह के बाद प्रो.विनय सिंह ने कुछ दिनों के लिए कार्यकारी कुलपति पद का दायित्व भी संभाला था। इसी क्रम में बीएचयू के निवर्तमान चीफ प्राक्टर प्रो. एके जोशी को कारण बताओ नोटिस जारी की गई है। इसके साथ ही बीएचयू में दो दिनों तक चले खूनी संघर्ष में 17 छात्रों को निलंबित करते हुए उनके परिसर प्रवेश पर भी पाबंदी लगा दी गई है, इन छात्रों की सुविधाएं छीन ली गई हैं।