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वृंदावन के पास बसेगा विदेशियों के लिए शहर

लखनऊ। 'मानुष हों तो वही रसखान बसौं नित गोकुल गांव के द्वारन' ब्रज में वास करने की लालसा कु

By Edited By: Published: Wed, 19 Nov 2014 10:20 AM (IST)Updated: Wed, 19 Nov 2014 10:20 AM (IST)
वृंदावन के पास बसेगा विदेशियों के लिए शहर

लखनऊ। 'मानुष हौं तो वही रसखान, बसौं संग गोकुल गांव के ग्वारन

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जो पसु हौं तो कहा बसु मेरो चरौं नित नन्द की धेनु मंझारन

पाहन हौं तो वही गिरि को जो कियो हरि छत्र पुरंदर धारन

जो खग हौं तो बसेरो करौं मिलि कालिन्दि कूल कदंब की डारन'

ब्रज में वास करने की लालसा पूरी दुनिया के लोगों में कुछ ऐसी है। णनुष्य ही नहीं पशु-पक्षी तक यहां वास करने को आतुर हैं। इसी को साकार रूप देने के लिए ब्रज में अलग दुनिया बसने जा रही है। वृंदावन के पास यह एक ऐसा शहर होगा जिसमें सिर्फ विदेशी रहेंगे। इसके साथ पंचतारा होटल, आवासीय प्रोजेक्ट्स की नींव रखी जा चुकी है। व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स के लिए आबादी बढ़ने का इंतजार हो रहा है। निवेशक यहां पर दिल खोल कर दांव लगाने को आतुर हैं।

दुनिया के सबसे ऊंचे चंद्रोदय मंदिर के शिलान्यास से वृंदावन पर बड़ी कंपनियों की नजरें टिक गईं। अब छटीकरा-वृंदावन रोड से आठ किलोमीटर अंदर सटे सकराया गांव में अतंरराष्ट्रीय सिटी बनाने की योजना है। यहां करीब डेढ़ सौ बीघा क्षेत्र में एक ऐसी कॉलोनी बसाई जा रही है, जिसमें सिर्फ विदेशी ही रहेंगे। हालांकि इस कॉलोनी की अभी नींव नहीं रखी गई है। एक पंचतारा होटल का निर्माण तेजी से हो रहा है। अन्य सितारा होटलों के लिए भी जमीन खरीदी जा चुकी है। संभावनाओं को देखते हुए हाइवे और इससे संपर्क वाले मुख्य मार्गो पर जमीन के रेट करोड़ों रुपए प्रति एकड़ तक पहुंच चुके हैं। मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण के अभिलेख बताते हैं कि मथुरा और वृंदावन में कुल प्रोजेक्टस में से 80 फीसदी तो वृंदावन और इसके आसपास के हैं। रजिस्ट्री कार्यालय के सूत्र बताते हैं कि राजस्व आय के हिसाब से सबसे ज्यादा आय वृंदावन क्षेत्र से हो रही है।

विश्व बैंक ने खोला खजाना

धार्मिक नजरिए के साथ ही मथुरा में पर्यटन की असीम संभावनाएं सामने आई हैं। प्रो पुअर प्रोजेक्ट के जरिए विश्व बैंक ब्रज परिपथ के नाम से अपना खजाना खोला है, इसमें करीब 800 करोड़ के विकास कार्य कराए जाने हैं। वहीं केंद्र सरकार ने मथुरा को हेरिटेज सिटी की श्रेणी में लाते हुए 'जो चाहो-मांग लो' की तर्ज पर प्रस्ताव मांग लिए हैं। पिछले दिनों इन मथुरा आए केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रवीण प्रकाश ने दिसंबर से प्रस्तावों पर कार्ययोजना शुरु करने का भरोसा दिया था।


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