सपा राज्यसभा : डा.तजीन नहीं तो फिर..
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। नगर विकास मंत्री आजम खां की शरीके-हयात डा. तजीन फात्मा के समाजवादी पार्टी
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। नगर विकास मंत्री आजम खां की शरीके-हयात डा. तजीन फात्मा के समाजवादी पार्टी से राज्यसभा का टिकट ठुकराने से पार्टी पसोपेश में है। कयासबाजी शुरू है कि अगर वह अपने फैसले पर कायम रहीं तो फिर सपा का छठवां प्रत्याशी कौन होगा। सूत्रों का कहना है शफीकुर्रहमान बर्क और नसीर अहमद खां में किसी एक को प्रत्याशी बनाया जा सकता है।
संभल से चुनाव हारे शफीकुर्रहमान बर्क और रामपुर से पराजित नसीर अहमद खां राज्यसभा के टिकट के ख्वाहिशमंद थे। आजम की पत्नी के इन्कार के बाद अब इनके लिए रास्ता खुल गया है। वैसे पार्टीजनों का मानना है कि नेताजी के मानने पर आजम मान जाएंगे और अंतत: उनकी पत्नी ही राज्यसभा जाएंगी।
यह भी चर्चा है सपा नेतृत्व आजम को मनाने के प्रयास में कुछ ऐसे आश्वासन भी दे सकता है जिसका असर आगे चलकर मंत्रिमंडल पर नजर आए।
यूपी से अमर सिंह नहीं!
सपा के राज्यसभा प्रत्याशी न बनाने और अन्य दलों के साथ मौजूदा रिश्तों को देखते हुए ऐसा लगता है उत्तर प्रदेश से अमर सिंह के राज्य सभा जाने का रास्ता फिलवक्त बंद हो चुका है। भाजपा के साथ अमर सिंह के कोई रिश्ते नहीं है और कई बार कांग्रेस से हमदर्दी जताने के बावजूद उन्हें वहां से भी कोई उत्साहजनक संकेत नहीं मिला। बीते लोकसभा चुनाव में अमर सिंह और उनकी निकटस्थ जया प्रदा ने राष्ट्रीय लोकदल के टिकट पर क्रमश: फतेहपुर सीकरी व बिजनौर से चुनाव लड़ा था, लेकिन दोनों को निराशा हाथ लगी। चुनाव के बाद से ही अमर सिंह एक तरह से रालोद खेमे से लुप्त हो गए और हाल ही में चौधरी चरण सिंह का स्मारक बनाने को लेकर रालोद के धरना, प्रदर्शन और रैली से भी अमर सिंह दूर रहे जबकि इसमें सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव शामिल हुए थे। जोड़ तोड़ में माहिर अमर सिंह अगर चमत्कार कर दें तो बात दीगर है नहीं तो उनके राज्य सभा जाने की सम्भावना अब क्षीण है। कांग्रेस सूत्रों का भी यही कहना है कि शीर्ष नेतृत्व में अमर सिंह को लेकर कोई सुगबुगाहट नहीं है। वैसे नामांकन की आखिरी तारीख दस नवम्बर है और चौंकाने वाला कोई घटनाक्रम कभी भी हो सकता है।