शाह के बयान पर भड़की सपा
लखनऊ। उपचुनाव जैसे जैसे निकट आ रहा, सपा और भाजपा के बीच जुबानी जंग तेज होती जा रही है
लखनऊ। उपचुनाव जैसे जैसे निकट आ रहा, सपा और भाजपा के बीच जुबानी जंग तेज होती जा रही है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बयान पर भड़की सपा ने लोकसभा चुनाव जीत के बाद से भाजपाइयों में अहंकार बढ़ने का आरोप लगाते हुए सांप्रदायिक उन्माद भड़काने के लिए दोषी ठहराया। वहीं भाजपा ने सांप्रदायिकता व तुष्टिकरण को सपा का इतिहास बताया है।
सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष की कुदृष्टि अब यूपी पर है औरउनकी बदनीयती भी साफ है। भाजपा व आरएसएस सत्ता के लिए साप्रदायिकता का सहारा लेते हैं। लोकसभा चुनाव से पूर्व मुजफ्फरनगर दंगों में भी दोनों की भूमिका थी। बाद में काठ , मेरठ, अयोध्या और सहारनपुर में भी उपद्रव भड़काने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। अब लव जिहाद जैसे निरर्थक मुद्दे और योगी आदित्यनाथ द्वारा दंगों व धर्म से जोड़कर उन्माद खड़ा करने की कोशिश दुर्भाग्यपूर्ण है। जनता उनको जरूर सबक सिखाएगी।
दूसरी ओर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने अमित शाह के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि सपा का इतिहास गवाह है कि सांप्रदायिकता की आग भड़काने एवं तुष्टिकरण करने में उनकी भूमिका अग्रणी रही है। जब कभी सपा शासन आता है सांप्रदायिक सौहार्द समाप्त करने का यथा संभव प्रयास होता है। अखिलेश सरकार की उल्टी गिनती भी शुरू हो चुकी है। जनता सपा शासन से छुटकारा पाने को बेताब है।
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यह कहा था शाह ने
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बयान दिया था कि महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव निकट हैं लेकिन कोई सांप्रदायिक तनाव नहीं है। उप्र में सांप्रदायिक तनाव है क्योंकि सपा सरकार एकतरफा कदम उठाती है। अगर उप्र में भाजपा सत्ता में आई तो इसके लिए सपा की गलत नीतियां जिम्मेदार होंगी।
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