कानपुर में दो वर्गो में संघर्ष, एक की मौत
लखनऊ। कानपुर के घाटमपुर इलाके में एक कथित चोर को थाने से छोड़ने पर भीतरगाव में आज ज
लखनऊ। चोर की पिटाई से मौत की अफवाह से कानपुर के घाटमपुर के भीतर गांव में रविवार को बवाल हो गया। एक वर्ग के लोगों ने दूसरे वर्ग के लोगों के घरों और दुकानों में तोड़फोड़ कर आग के हवाले कर दिया। अग्निकांड में महिला समेत चार लोग झुलस गए, जिसमें से एक की मौत हो गई। भीड़ ने चौकी में भी तोड़फोड़ की, जिसमें दारोगा समेत तीन पुलिस कर्मी घायल हो गए। पुलिस ने भीड़ को रोकने के लिए तीन राउंड फायरिंग भी की। मृतक के परिवार वालों को फौरी तौर पर दो लाख रुपये की आर्थिक मदद दी गई है।
घाटमपुर भीतरगांव में एक गल्ला व्यापारी ने शुक्रवार को घर में चोरी करते वक्त गांव के ही एक किशोर को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। आरोपी ने पुलिस को एक साथी का नाम भी बताया। पूछताछ के बाद शनिवार शाम उसे छोड़ दिया गया। रविवार सुबह अफवाह फैल गई कि दोनों आरोपी को व्यापारी के भाई और भतीजे शनिवार रात उठा ले गए और पीट-पीट कर मार डाला। सुबह सैकड़ों लोग सड़क पर उतर आए और व्यापारी के घर व दुकान के साथ भीतरगांव चौकी पर हमला बोल दिया। साढ़ चौकी इंचार्ज रमाशंकर सरोज व सिपाही मुकेश कुमार समेत एक और सिपाही पथराव में घायल हो गए। व्यापारी के भाई के मुर्गी फार्म और पड़ोस के कई घरों को आग के हवाले कर दिया। आगजनी में एक युवक गंभीर रूप से झुलस गया। उर्सला अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। तीन अन्य की हालत गंभीर बनी हुई है। बवाल की सूचना पर भारी फोर्स के साथ पुलिस-प्रशासन के आला अफसर मौके पर पहुंच गए। प्रशासन ने मृतक के परिवारीजन को दो लाख रुपये फौरी तौर पर मदद व घायलों को पचास-पचास हजार रुपये देने की घोषणा कर पीड़ित पक्ष को शांति बनाए रखने की अपील की। व्यापारी का आरोप है कि उसने रंगेहाथ चोर को पकड़ा था। पिटाई से मौत की अफवाह फैल दी गई। वहीं गंभीर हालत में भर्ती आरोपी चोरों का कहना है कि उन्हें फर्जी फंसाया गया है। पुलिस के छोड़ने के बाद बंधक बनाकर अमानवीय यातनाएं दी गईं।