खरखौदा कांड में दस लोग बराबर के आरोपी
लखनऊ। मेरठ के खरखौदा में सामूहिक दुष्कर्म और धर्मातरण प्रकरण में दस आरोपियों को पुलिस
लखनऊ। मेरठ के खरखौदा में सामूहिक दुष्कर्म और धर्मातरण प्रकरण में दस आरोपियों को पुलिस ने बराबर का कसूरवार मान लिया है। सभी के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म, जबरन धर्मातरण, बहला फुसलाकर अपहरण करने के बाद अवैध हिरासत में रखने का आरोप है। बैकफुट पर लौटी पुलिस ने सभी आरोपियों के वारंट में बराबर धाराएं लगा दी हैं तो अब देखना यह है कि पुलिस चार्जशीट तक सभी धाराओं को बरकरार रख पाएगी या नहीं।
तीन जून को खरखौदा के एक गांव की युवती ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराकर सनसनी मचा दी थी। आरोप था कि विशेष समुदाय के लोगों ने बहला फुसलाकर भगा ले जाने के बाद अवैध हिरासत में रखकर नशीला पदार्थ पिलाकर सामूहिक दुष्कर्म किया। मदरसे में रखकर जबरन धर्मातरण कराया। उसका फर्जी शपथ पत्र भी तैयार कर लिया। ऑपरेशन कराकर गर्भाशय की फैलोपियन ट्यूब को निकलवा दिया गया। शुरु से ही पुलिस सियासी दबाव में मामले को निपटाने में जुट गई थी।
मामला संसद तक गूंजा तो पुलिस को बैकफुट पर आना पड़ा। पुलिस ने आठ आरोपियों को जेल भेज दिया। पहले पुलिस सभी को अलग-अलग धाराओं में जेल भेज रही थी। एसएसपी ओंकार सिंह मान नहीं रहे थे कि, सभी बराबर के आरोपी हैं। राज्य महिला आयोग से लेकर विभिन्न पार्टियों ने सीबीआइ जांच की मांग की तो पुलिस सही रास्ते पर चलनी शुरू हुई। पुलिस ने सभी आरोपियों को बराबर का आरोपी मानते हुए दफा 34 आइपीसी लगाकर सभी को सामूहिक दुष्कर्म से लेकर जबरन धर्म परिवर्तन और अपहरण कर अवैध हिरासत में रखने का आरोपी बना दिया। इन सभी धाराओं को चार्जशीट तक पुलिस ने बरकरार रखा तो पीड़िता को इंसाफ की उम्मीद जग सकती है। माना जा रहा है कि पुलिस विवेचना में जिस तरह से पर्चे काट रही है, उससे धाराओं के घटाने की जुगत लगाई जा रही है।
खरखौदा कांड के मुल्जिम
ग्राम प्रधान नवाब निवासी सरावा, खरखौदा, सरावा के मदरसे के हाफिज सनाउल्ला, हसमत की बेटी निशात निवासी सरावा , सरावा निवासी समरजहां पत्नी सनाउल्ला, गुल सनव्वर दोताई मदरसे के हाफिज, वकील अहमद निवासी दोताई, कलीम अहमद निवासी उलधन, हबीब राजी निवासी असोड़ा, हापुड़, शानू निवासी सरावा- फरार। नवीन निवासी गढ़- फरार।
कानून की धाराएं
363, 366 : युवती को बहला फुसलाकर अपहरण कर ले जाना।
376 : सभी दस आरोपियों ने एक साथ मिलकर सामूहिक दुष्कर्म किया।
420, 467, 468, 471 : फर्जी शपथ पत्र तैयार कर असली के रूप में प्रयोग करना।
295क : धार्मिक भावनाओं को भड़काना।
323 : युवती के साथ लाठी डंडों से मारपीट।
504, 506 : जान से मारने की धमकी देकर दहशतजदा करना।
328 : जबरदस्ती कर नशीला पदार्थ देना। 354 अश्लील हरकतें करना।
342 : दो दिनों तक युवती को अवैध हिरासत में रखना।
120बी : युवती के साथ एकजुट होकर षड्यंत्र करना।
34 आइपीसी : सभी आरोपियों को सामान्य उद्देश्य होना।