यूपी के दस जिलों की पुलिसिंग खराब
लखनऊ (जागरण ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश के दस जिलों में गंभीर अपराधों में कार्रवाई की स्थिति बेहद
लखनऊ (जागरण ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश के दस जिलों में गंभीर अपराधों में कार्रवाई की स्थिति बेहद खराब है। इन जिलों में जालौन, अम्बेडकरनगर, देवरिया, इटावा, हाथरस, मुरादाबाद, हापुड़, कासगंज, शामली व सहारनपुर जिले को चिह्नित किया गया है। रामपुर समेत कई और जिले भी समीक्षा की कसौटी पर खरे नहीं उतरे। यहां के पुलिस अफसरों से उच्चाधिकारियों ने नाराजगी जताई और गाजियाबाद के लोनी जैसी घटना की ऊपर तक जानकारी नहीं देने पर भी गुस्से का इजहार किया।
योजना भवन में प्रमुख सचिव गृह नीरज कुमार गुप्ता की अध्यक्षता और डीजीपी एएल बनर्जी की मौजूदगी में हुई समीक्षा बैठक में बुनियादी चीजों पर उच्चाधिकारियों की नाराजगी साफ दिखी। एसपी-एसएसपी को अपनी समस्याओं को भी रखने का अवसर मिला। अफसरों ने सीओ व एएसपी के साथ संसाधनों की कमी का रोना रोया। इस दौरान एसपी-एसएसपी को प्रबंधन के हुनर सिखाए गए। महिला सुरक्षा, अपराध की विवेचना, आरोप पत्र दाखिल करने, अभियोजन और मीडिया प्रबंधन के संदर्भ में महकमे के विशेषज्ञों ने नसीहत दी।
पुलिस महानिरीक्षक लोक शिकायतें सतीश गणेश ने मीडिया प्रबंधन और प्रेस ब्रीफिंग का नुस्खा दिया, जबकि एडीजी इओडब्ल्यू सुतापा सान्याल ने महिला अपराध, उपचार और रोकथाम पर जानकारी दी। उनकी प्रस्तुति विशेष रूप से 'मोबाइल सेफ्टी एप' निर्भया पर केंद्रित रही। एडीजी क्राइम हितेश चंद अवस्थी ने विवेचना की खामियों को उभारा और इसे दूर करने के उपाय बताए। एडीजी अभियोजन आरएन सिंह ने अभियोजन पक्ष मजबूत करने और विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक डा. एसबी उपाध्याय ने साक्ष्य संकलन और उसके महत्व पर अपना प्रेजेंटेशन दिया।
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गैंगस्टर और रासुका में हो कार्रवाई
प्रमुख सचिव गृह नीरज गुप्ता ने कहा कि पुलिस अपनी कार्यशैली में व्यावसायिक दक्षता का प्रदर्शन करे। विवेचनाओं का गुणवत्तापूर्ण व समयबद्ध निस्तारण किया जाये। पुलिस की कार्यवाही में तेजी व समयबद्धता परिलक्षित होनी चाहिये। अपराधियों कि गिरफ्तारी मे तेजी लायी जाये। गिरोह बंद अपराधियों के विरुद्ध गैंगस्टर के साथ ही रासुका के तहत कार्रवाई हो। पशु तस्करी की घटनाओं पर कड़ी नजर रखें।
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हिस्ट्रीशीटर और अराजक तत्वों का रखें ब्योरा
डीजीपी एएल बनर्जी ने कहा कि हिस्ट्रीशीटर के बारे में विस्तृत विवरण के साथ उनके फोटोग्राफ्स भी रखे जाएं। असामाजिक व गड़बड़ी पैदा करने वाले तत्वों का भी फोटो व वीडियो रिकार्ड सुरक्षित रखे जाएं, ताकि किसी भी घटना में उनके शामिल होने की पुष्टि करने में मदद मिल सके।
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पीड़ित को इंसाफ दिलायेगा गृह विभाग
फरियादी थानेदार के दर से न्याय की गुहार लगाते हुए सीओ, एएसपी, एसपी, डीआइजी और आइजी तक पहुंचता है, लेकिन उसे न्याय नहीं मिल पाता है। अब शासन तक पहुंचने वाली ऐसी शिकायतों की समीक्षा होगी। गृह विभाग अफसरों से पूछेगा कि आखिर इसमें कोई कार्रवाई क्यों नहीं हो पाई। पीड़ित को इंसाफ दिलाने के लिए गृह विभाग ने यह कार्ययोजना तैयार की है। इसमें दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई का भी प्रावधान किया जा रहा है। गृह विभाग इसके लिए नोडल अफसर नामित करेगा।