गहरा सकता है दवाओं का संकट
लखनऊ(संदीप पाडेय)। ईद पर ही सही सहारनपुर में दी गई कर्फ्यू की ढील प्रदेश के अन्य हिस्सों के लि
लखनऊ(संदीप पाडेय)। ईद पर ही सही सहारनपुर में दी गई कर्फ्यू की ढील प्रदेश के अन्य हिस्सों के लिए भी राहत लेकर आई। सहारनपुर में बीते शनिवार को उपद्रव के बाद कर्फ्यू लगने से उत्तर प्रदेश को उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश व हरियाणा से होने वाली दवाओं की आपूर्ति बाधित हो गई थी। बीते दो दिन से कर्फ्यू में मिली ढील से बार्डर से गाड़ियों के आवागमन से दवा का आना फिर से शुरू हो गया। अभी तक चंद घंटों के लिए कर्फ्यू से राहत से उन अनुपात में दवा नहीं आ पा रही है जितने की जरूरत है।
दवा व्यवसाइयों के मुताबिक कुछ दिन हालात सामान्य नहीं रहे तो प्रदेश के अधिकतर हिस्सों को जीवन रक्षक दवाओं से जूझना तय है। मालूम हो कि प्रदेश में 70 फीसद दवाओं की आपूर्ति उत्तराखंड, हिमाचल व हरियाणा से होती है। सहारनपुर में कर्फ्यू के चलते दवाओं से भरे कई ट्रक रास्ते में अभी तक फंसे हुए थे। यूपी ड्रग केमिस्ट एसोसिएशन के लखनऊ जनपद के अध्यक्ष व प्रदेश संरक्षक गिरिराज रस्तोगी के मुताबिक अभी तक अवध, पूर्वाचल व राज्य के अन्य क्षेत्रों में फार्मा कम्पनियों ने लखनऊ के डिपो के स्टॉक से दवाओं की आपूर्ति कर उनकी उपलब्धता बनाए रखी, लेकिन सहारनपुर में यदि फिर कफ्यरू लगा तो दवाओं का संकट खड़ा होना तय है। उन्होंने कहा कि कर्फ्यू हटने से अब दो-तीन दिनों में फंसे हुए ट्रक लखनऊ आ जाएंगे, जिससे अन्य क्षेत्रों में भी दवा की उपलब्धता सुनिश्चत कर दी जाएगी।
यूपी ड्रग केमिस्ट के प्रदेश अध्यक्ष दिवाकर सिंह के मुताबिक जीवन रक्षक दवाओं में फ्ल्यूड की अस्सी फीसद आपूर्ति अम्बाला, गाजियाबाद व मेरठ डिपो से की जाती है। इनमें डैक्सट्रोज, डैक्सटोज सलायम, रिंगर लैक्टम आदि हैं। इसके अलावा जेंटामाइसिन, एमाक्सीसिलीन, सीफाटॉक्सिन, सिटिक जोन इंजेक्शन समेत कई दवाओं की आपूर्ति भी इन्हीं शहरों में स्थित डिपो से होती है।