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लखनऊ की निर्भया का परिवार सीबीआई जांच की मांग पर अडिग

लखनऊ। मोहनलालगंज कांड की सीबीआइ जांच की मांग को लेकर लखनऊ की निर्भया का परिवार अडिग ह

By Edited By: Published: Sun, 27 Jul 2014 12:44 PM (IST)Updated: Sun, 27 Jul 2014 12:44 PM (IST)
लखनऊ की निर्भया का परिवार सीबीआई जांच की मांग पर अडिग

लखनऊ। मोहनलालगंज कांड की सीबीआइ जांच की मांग को लेकर लखनऊ की निर्भया का परिवार अडिग है। सीबीआइ जांच सहित कई मांगों को लेकर निर्भया के बच्चों और परिवार के सदस्यों ने कल लखनऊ के जिलाधिकारी राजशेखर से मुलाकात कर पांच सूत्री ज्ञापन सौंपा। डीएम ने मांगों पर विचार कर सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। परिवार का कहना है कि मांगों को लेकर आज से धरने को आमरण अनशन का रूप देंगे।

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शुक्रवार से हजरतगंज के गांधी प्रतिमा स्थल पर महिला के बच्चों को साथ लेकर धरने पर बैठे परिवारीजन ने कल भी धरना जारी रखा। कल महिला के दोनों बच्चे जिलाधिकारी कार्यालय भी पहुंचे। इन बच्चों ने डीएम से सीबीआइ से जांच की मांग की। इसके अलावा मुआवजा राशि दस लाख से बढ़ाकर बीस लाख करने को कहा। डाक्टरों व पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की गई। साथ ही बच्चों को ग्रेजुएशन तक नि:शुल्क शिक्षा व उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कराने के लिए भी कहा गया है। भाजपा युवा मोर्चा, अखिल भारतीय हिंदू महासभा, आम आदमी पार्टी के नेता और सामाजिक कार्यकर्ता भी धरने में शामिल हुए। परिवार का कहना है कि पुलिस ने जो कहानी बताई है, उस पर उन्हें यकीन नहीं है। पुलिस किसी को बचाने का प्रयास कर रही है। यह सब अब सीबीआइ जांच से उजागर होगा।

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देवरिया में भी धरना, सौंपा ज्ञापन

मोहनलालगंज कांड में प्रदेश सरकार के आरोपियों को संरक्षण, अब तक राजफाश न करना और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में लापरवाही बरतने वाले डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर शनिवार को अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन ने कल कलेक्ट्रेट परिसर में ंधरना दिया। धरने के बाद राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा गया।

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कड़ी निगरानी में दरिंदगी का आरोपी

मोहनलालगंज कांड पर राजधानी की सड़कों पर लोगों का आक्रोश दिख रहा है तो जिला कारागार में बंद आरोपी रामसेवक यादव पर कड़ी नजर रखी जा रही है। उसे अलग बैरक में रखा गया है। अधिकारी सुबह-शाम उसकी सुरक्षा का जायजा लेते हैं। आरोपी गुमसुम रहता है और जेल अधिकारियों से भी सीमित बातचीत करता है। रात में अक्सर जाग कर बैठ जाता है। जेल के डॉक्टर के मुताबिक आरोपी जब पहली बार जेल में दाखिला तभी से गुमसुम था। जेल अधीक्षक दधिराम मौर्या का कहना है कि घटना की गंभीरता को देखते हुए आरोपी रामसेवक को कड़ी सुरक्षा में अलग रखा गया है। निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरा भी लगा है।


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