Move to Jagran APP

कांठ प्रकरण में अब फिर टकराव की नौबत

लखनऊ। मुरादाबाद में कांठ के अकबरपुर चैदरी में लाउडस्पीकर विवाद के बाद बवाल में भाजपाइयों

By Edited By: Published: Sun, 13 Jul 2014 08:56 PM (IST)Updated: Sun, 13 Jul 2014 08:56 PM (IST)
कांठ प्रकरण में अब फिर टकराव की नौबत

लखनऊ। मुरादाबाद में कांठ के अकबरपुर चैदरी में लाउडस्पीकर विवाद के बाद बवाल में भाजपाइयों की गिरफ्तारी समेत कई मुददों को लेकर कमिश्नरी पर भाजपा के 15 जुलाई से शुरू हो रहे आंदोलन को लेकर फिर टकराव की नौबत आ गई है। संचालन समिति गठित कर भाजपा आंदोलन की तैयारियों में जुट गई तो प्रशासन अनुमति नहीं देने पर अड़ गया है। भाजपा के निशाने पर आये एसएसपी धर्मवीर ने साफ कहा है कि धारा 144 लागू होने की स्थिति में किसी तरह के आंदोलन की अनुमति नहीं दी जाएगी।

loksabha election banner

कांठ प्रकरण को लेकर 15 से 30 जुलाई तक चरणबद्ध आंदोलन के भाजपा के ऐलान से प्रशासन और पुलिस चौकस हो गए हैं। खुफिया रिपोर्ट में अनुमति नहीं देने की संस्तुति की गई है। सूत्रों का कहना है कि भाजपाई रोजाना धरना देने के बाद गिरफ्तारी देने का मन भी बना रहे हैं। उधर प्रशासन कह रहा है कि धारा 144 लागू होने पर बगैर अनुमति कोई धरना-प्रदर्शन होगा ही नहीं।

उधर, प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर भाजपा बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की तैयारी में है। इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 14 सांसद और 70 विधायकों को सहभागिता करनी है, हालांकि अभी जिला एवं विधानसभा सीट के हिसाब से ही धरना तय हुआ है। जिला प्रशासन लाउडस्पीकर विवाद में दो बार बलवे की आग में झुलस चुके कांठ के बाद अब तीसरी बार विवाद को जन्म नहीं देना चाहता है। धरने की अनुमति नहीं मिलने की स्थिति में आंदोलन को सफल बनाना भाजपा के लिए भी प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुका है।

समिति तय करेगी रणनीति

कमिश्नरी पर भाजपा के आंदोलन को लेकर संचालन समिति का गठन किया गया है। महानगर अध्यक्ष रितेश गुप्ता ने बताया कि धरने के लिए बनी समिति में महापौर बीना अग्रवाल, जिलाध्यक्ष और सम्भल सांसद सत्यपाल सैनी, विनोद अग्रवाल, हरिओम शर्मा, रामवीर सिंह, सुशील ठाकुर, सुरेंद्र विश्नाई हैं। आंदोलन की अगुवाई करने वाला अभी तय नहीं है। चर्चा है कि क्षेत्रीय अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह को कमान सौंपी जा सकती है।

अनुमति देंगे भी तो शर्तो पर

जिलाधिकारी दीपक अग्रवाल ने कहा कि अभी तक भाजपा की ओर से लिखित अनुमति के लिए पत्र नहीं आया है। पत्र मिलने पर जांच कराई जाएगी। यदि अनुमति दी भी गई तो शर्तो के आधार पर दी जाएगी। एसएसपी धर्मवीर ने बताया कि अभी आंदोलन के लिए पत्र नहीं मिला है, वैसे भी धारा 144 लागू है। इस स्थिति में आंदोलन की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

भाजपा के सामने करो या मरो

कांठ के बवाल में 15 जुलाई से आंदोलन का आगाज करने वाली भाजपा करो या मरो के हालात से जूझ रही है। पखवाड़े भर से ज्यादा दिनों से पार्टीजनोंकी जमानत से जूझ रही भाजपा के सामने सपा भी लाउडस्पीकर विवाद में समझौता कराकर नई मुसीबत खड़ी करने की तैयारी में है, वहीं प्रशासन भी भाजपा के साथ किसी तरह की रियायत बरतने के पक्ष में नहीं है। कांठ के अकबरपुर चेदरी गांव के मंदिर के लाउडस्पीकर का मुद्दा भाजपा ने जिन परिस्थितियों में उठाया था, वह अब बदल चुकी हैं। बवाल के दौरान गिरफ्तार 81 लोगों में अधिकांश पार्टी के कार्यकर्ता हैं, जिनकी जमानत नहीं हो पा रही है। पुलिस ने उन पर रेलवे एक्ट सहित तमाम गंभीर धाराएं लगाई हैं। 11 दिन तक बंद रहा कांठ का बाजार भी अफसरों के सुरक्षा के आश्वासन पर खुल चुका है और मुख्य मुद्दा लाउडस्पीकर विवाद को लपकने के लिए भाजपा के साथ सपा भी जोरआजमाइश कर रही है। वह दोनों समुदाय के लोगों में एक राय कराकर लाउडस्पीकर लगवाने का रास्ता खोज रही है।

तीन मुद्दों पर बिगुल फूंका

अब 15 जुलाई से भाजपा तीन मुद्दों को लेकर ही आंदोलन का बिगुल फूंकेंगी। पहला मंदिर में लाउडस्पीकर लगवाना, दूसरा पुलिस द्वारा उत्पीड़न, तीसरा एसएसपी धर्मवीर के सीधे तौर पर भाजपा सांसद सर्वेश सिंह के खिलाफ बयानबाजी करना। लाउडस्पीकर लगवाने के मामले में पार्टी को सपा की रणनीति को फेल कर खुद का वजूद साबित करना पड़ेगा। बाकी दो मुद्दों को लेकर प्रदेश सरकार का रुख कड़ा रखा है। भाजपा के सामने पूरे आंदोलन में कहीं ऐसा रास्ता नहीं है, जिसके सहारे पार्टी आंदोलन के बीच वाक आउट कर जाए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.