आइएएस को कमीशन देने की बात कबूल
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले की रकम खपाने की जांच
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले की रकम खपाने की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा के करीबी वरिष्ठ आइएएस अधिकारी के खिलाफ साक्ष्य जुटाने शुरू कर दिए हैं। ठेकेदारों और व्यापारियों ने ईडी की पूछताछ में आइएएस को कमीशन देने की बात कबूल की है। उधर, गोमतीनगर के एक निजी अस्पताल के निदेशकों से भी पूछताछ की तैयारी चल रही है।
एनआरएचएम घोटाले में बड़े पैमाने पर धांधली की गयी। आपरेशन थियेटर और दवा आपूर्ति के मामले में उक्त आइएएस ने अपने चहेतों को उपकृत किया और बदले में कमीशन लिया। सीबीआइ ने अपनी जांच में इन तथ्यों का उभारा है। अधिकारी के खिलाफ आरोप पत्र में भी ये तथ्य शामिल किये गये हैं। सूत्रों के मुताबिक धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत तफ्तीश कर रहे ईडी के अफसरों ने व्यापारियों और ठेकेदारों से इस बाबत पूछताछ की। सबने कमीशन देने की बात कबूल की है। ईडी अब उन्हें गवाह बनाने की तैयारी में है। उधर, गोमतीनगर में एक निजी अस्पताल में भारी धनराशि समायोजित किये जाने का मामला भी सामने आया है। कुशवाहा और उनके करीबी निशाने पर हैं। ईडी ने इस सिलसिले में अस्पताल के निदेशकों की सूची तैयार की है और उनसे इस मसले पर सवाल-जवाब होने हैं। दो लोगों से काफी पहले पूछताछ हो चुकी है और उसी आधार पर बाकी निदेशकों के भी नाम चिन्हित किये गये हैं। इस अस्पताल में नौ से ज्यादा निदेशक हैं। ईडी अभियान के तौर पर एनआरएचएम घोटाले से अर्जित अवैध धन के समायोजन की छानबीन कर रहा है और जांच का दायरा पांच राज्यों तक फैला है। बहुत जल्द किसी बड़े नतीजे की उम्मीद भी जताई जा रही है।