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अटका गन्ना किसानों के 1352 करोड़ का भुगतान अंतर

लखनऊ : समर्थन मूल्य से 20 रुपये प्रति क्विंटल कम की दर से गन्ना मूल्य भुगतान करने का प्रकरण गंभ

By Edited By: Published: Wed, 16 Apr 2014 10:24 PM (IST)Updated: Wed, 16 Apr 2014 10:24 PM (IST)
अटका गन्ना किसानों के 1352 करोड़ का भुगतान अंतर

लखनऊ : समर्थन मूल्य से 20 रुपये प्रति क्विंटल कम की दर से गन्ना मूल्य भुगतान करने का प्रकरण गंभीर हो गया है। प्रदेश की दो तिहाई से अधिक चीनी मिलों में पेराई बंद हो गई है और भुगतान अंतर करीब 1352 करोड़ रुपये किसानों को कब मिलेंगे? इसका जवाब देने को विभागीय अधिकारी तैयार नहीं। खराब वित्तीय स्थिति की आड़ ले चीनी मिल मालिकान इस मसले पर सरकार से वार्ता के बाद ही भुगतान की बात कह रहे हैं। उधर, नाराज किसानों का आरोप है कि सरकार ने गन्ना समर्थन मूल्य में 20 रुपये प्रति क्विंटल कम कराकर धोखा किया है।

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पेराई सत्र शुरू करने में आनाकानी कर रहे मिल मालिकान को राजी करने के लिए सरकार ने उनकी शर्ते मान ली थी, जिसमें घोषित गन्ना समर्थन मूल्य का 20 रुपये प्रति क्विंटल कम की दर से भुगतान कराने की शर्त भी शामिल थी। यानी किसानों को 280 रुपये प्रति क्विंटल के बजाय 260 रुपये की दर से भुगतान किया गया। भुगतान अंतर बीस रुपये प्रति क्विंटल को पेराई सत्र खत्म होने पर करने का आश्वासन दिया गया परन्तु इस पर अमल न हो सका।

प्रदेश की 119 चीनी मिलों में से 83 में पेराई बंद हो चुकी है। किसानों को गन्ना मूल्य नहीं मिल पा रहा। विभागीय सूत्रों के अनुसार 260 रुपये प्रति क्विंटल की दर से चीनी मिलों पर 7870 करोड़ रुपये देनदारी है, जिसमें निजी मिलों पर 7700 करोड़ व सहकारी मिलों पर 420.08 करोड़ बकाया है। इसमें 20 रुपये प्रति क्विंटल का अंतर जोड़ दें तो चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का बकाया 9www.09 करोड़ रुपये हो गया है। चीनी मिल्स एसोसिएशन का कहना है केंद्र सरकार से मिलने वाले ऋण के बाद ही भुगतान निपटारा हो सकेगा।

किसान मजदूर संगठन के संयोजक वीएम सिंह ने आरोप लगाया सरकार की ढुलमुल और किसान विरोधी नीतियों का नुकसान एक दिन चीनी उद्योग को भी भुगतना पड़ेगा।

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