आदोलनों की आच में तप रहा बीएचयू
लखनऊ। बीएचयू में आदोलन की आग में सुलगने लगा है। तमाम चेतावनी के बाद भी एम्स की माग पर अड़े र
लखनऊ। वाराणसी में कई दिनों से आदोलनों की आच में तप रहे काशी हिंदू ंिवश्वविद्यालय में गुरुवार को तो हद हो गई। तमाम चेतावनियों के बावजूद एम्स की माग को लेकर रेजीडेंटों की हड़ताल तो जारी है ही, इसी बीच आइटियंस ने भी उपस्थिति मानक को लेकर परीक्षा बहिष्कार कर दिया और सड़क पर उतर पड़े। विधि संकाय के छात्र भी एक अलग मामले में उबल पड़े तो कुछ अन्य संकायों के छात्र भी जिंदाबाद-मुर्दाबाद करते रहे। बीएचयू व जिला प्रशासन द्वारा जारी की जा रहीं तमाम चेतावनियों का हड़तालियों व आदोलन कारियों पर कोई असर नहीं दिखा। रेजीडेंट व आइटियंस का आदोलन चल ही रहा था कि सूचना मिली कि विधि संकाय के विद्यार्थी छात्र अधिष्ठाता कार्यालय पहुंच गए हैं। उनकी माग थी कि सर सुंदरलाल चिकित्सालय से इलाज के लिए लखनऊ भेजे गए सहपाठी का इलाज वहा शुरू नहीं हुआ है लिहाजा विवि प्रशासन तत्काल वहा के प्रशासन से बात करे और इलाज शुरू करवाए। ये लोग कुछ देर बाद चले गए लेकिन रेजीडेंटों का एक समूह अपनी एम्स की माग पर अड़ा रहा व आइटियंस भी निदेशक कार्यालय को घेरकर बैठे रहे। भले ही विवि प्रशासन दावा करे कि रेजीडेंट लौटने लगे हैं पर हकीकत यह है कि हड़ताल खत्म कराने में जिला प्रशासन और विवि प्रशासन दोनों ही नाकाम साबित हो रहे हैं। डाक्टर्स लाउंज पर एम्स बनाने की माग को लेकर हड़ताल पर बैठे चिकित्सक डा. ओमशकर के साथ गुरुवार से मेडिकल की छात्रा खुश्बू भी भूख हड़ताल पर बैठ गईं। उन्होंने कहा कि एम्स पाने के लिए अपनी डिग्री दाव पर लगा देंगी। दिन भर हड़तालियों को मनाने का दौर चलता रहा लेकिन वे एम्स से कम पर कुछ भी मानने को तैयार नहीं हैं। सुबह कुलपति डा. लालजी सिंह ने सभी ओपीडी में रेजीडेंटों की उपस्थिति दर्ज की। जहा रेजीडेंट नहीं मिले उनके विभागाध्यक्षों को एक बार फिर चेताया। दूसरी ओर परिसर स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में बीटेक के छात्रों ने गुरुवार को अपनी परीक्षाओं का बहिष्कार कर निदेशक कार्यालय पर डेरा जमा लिया है। चिकित्सा विज्ञान संस्थान का मुख्य द्वार भले ही बंद रहा लेकिन पिछले दरवाजे से बड़ी संख्या में कर्मचारियों को लैब व कार्यालयों में भेजा गया। लैब में नमूनों की जाच का क्त्रम धीरे धीरे शुरू हुआ।