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बीएचयू में एम्स की माग से भड़का आदोलन उग्र

लखनऊ। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एम्स की माग को लेकर आगे बढ़ा आदोलन अब उग्र हो चला है। कल र

By Edited By: Published: Wed, 12 Mar 2014 11:23 AM (IST)Updated: Wed, 12 Mar 2014 11:25 AM (IST)
बीएचयू में एम्स की माग से भड़का आदोलन उग्र

लखनऊ। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एम्स की माग को लेकर आगे बढ़ा आदोलन अब उग्र हो चला है। कल रात भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी ने भी कैंपस के हालात देखे। कुलपति ने हड़ताल खत्म होने तक संस्थान को बंद करने की घोषणा की और हर दशा में हड़ताली डाक्टरों पर कार्रवाई के लिए कहा है। इसी बीच हड़ताल के खिलाफ आम लोगों में गुस्सा है। वकीलों ने तो यहा तक कहा है कि वह डाक्टरों के मुकदमें की पैरवी नहीं करेंगे। दरअसल, बीते दिवस धरने पर बैठे रेजीडेंट डाक्टरों के साथ अन्य संकाय के छात्रों के साथ जबरदस्त संघर्ष हुआ। छात्रों के हमले से डाक्टर तन्मय वाजपेई की नाक की हड्डी टूट गई है। हालाकि वह भर्ती नहीं हैं जबकि जयंत को भी चोट आई। हड़ताली डाक्टरों का विरोध कर रहे छात्रों ने रेजीडेंटों को पीटने के साथ ही चार मोटर साइकिलों व तीन कारों को पथराव कर बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। इसे लेकर बीएचयू परिसर में भारी तनाव की स्थिति बनी हुई है।

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कल सुबह से ही हड़तालियों को मनाने का दौर चलता रहा मगर हड़ताली एम्स से कम पर मानने को तैयार नहीं हुए। वहीं लाउंज के बाहर समानातर धरना दे रहे छात्रों का अनशन भी जारी रहा। हालाकि उन्हें मनाने के लिए कोई नहीं पहुंचा। छात्रों ने सुबह से ही डाक्टर्स लाउंज जाने वाले मुख्य गेट को बंद कर रखा था। सभी गाडिय़ा बाहर ही लगाई गईं। मंगलवार को आइएमएस के दस विभाग के 64 रेजीडेंट डाक्टरों ने अपना काम संभाल लिया। उन्होंने मरीजों को देखा, दवा भी दी।

हड़तालियों पर कार्रवाई होगी जरूर

वाराणसी : आदोलन की लपटों के बीच विश्वविद्यालय के कुलपति डा. लालजी सिंह ने कहा कि हड़ताली रेजीडेंट डाक्टरों को मनाने की बहुत कोशिशें हुईं। अफसोस, हम नाकाम रहे लिहाजा स्थिति नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन से निवेदन किया। अब जिला प्रशासन का काम है कि हड़ताल समाप्त कराए। इतना जरूर कहूंगा कि हड़ताल चाहे जब खत्म हो, हड़तालियों पर कार्रवाई जरूर होगी। उन्होंने कहा कि जब तक हड़ताल समाप्त नहीं होती, तब तक चिकित्सा विज्ञान संस्थान बंद रहेगा। डा.सिंह ने अफसोस के साथ कहा कि हड़ताली पढ़े लिखे हैं लेकिन इतना भी नहीं समझते कि एम्स संसद से मिलता है, हड़ताल से नहीं।

एम्स वाराणसी लिखने पर नोटिस

समानातर ओपीडी में जिन वरिष्ठ चिकित्सकों ने मरीजों को फर्जी एम्स वाराणसी के पर्चे पर दवा लिखी है उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। ऐसे 14 चिकित्सकों को नोटिस भी दी गई है। इनपर आगे कार्रवाई होनी तय है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को दस विभागों के 64 रेजीडेंटों ने अपना काम संभाल लिया। एम्स के संबंध में कुलपति ने कहा कि दो जून 2012 को योजना आयोग को पहली चिट्ठी लिखी गई थी। चिकित्सा विज्ञान संस्थान को एम्स का दर्जा देने के लिए अब तक 15 पत्र लिखे जा चुके हैं। योजना आयोग से मंजूरी भी मिल गई है लेकिन एम्स न बनाने का जो आरोप मुझ पर लग रहा है, वह गलत है। कहा कि अभी तक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से कोई पत्र नहीं आया है।

हड़ताल का दसवा दिन

डाक्टर्स लाउंज पर रेजीडेंटों की हड़ताल दसवें दिन भी जारी रही। वरिष्ठ प्राध्यापकों द्वारा उन्हें मनाने का क्त्रम चलता रहा। लाउंज के बाहर दूसरे संकाय के छात्रों ने हड़तालियों के खिलाफ दूसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी रखा। मंगलवार को बीएचयू अस्पताल की ओपीडी में 2877 मरीज देखे गए। 26 की भर्ती और 22 मरीजों के आपरेशन किए गए। हालाकि हड़ताल का असर नगर के निजी व सरकारी अस्पतालों में दिखने लगा है। मंडलीय अस्पताल के वार्ड व इमरजेंसी फुल चल रहे हैं और यहा कई वाडरें में एक ही बेड पर दो दो मरीजों को लौटाना पड़ रहा है।

हड़तालियों का मुकदमा नहीं लड़ेंगे वकील

अचानक एम्स की माग को लेकर अड़े बीएचयू के हड़ताली डाक्टरों के खिलाफ आमजन के साथ प्रबुद्ध वर्ग का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। हड़ताल पर गए डाक्टरों के विरोध में अब अधिवक्ता समाज भी आ गया है। सेंट्रल बार में दिए प्रस्ताव में वकीलों ने दो टूक चेतावनी दी है कि मरीजों की स्थिति देखते हुए डाक्टरों द्वारा हड़ताल वापस नहीं ली गई तो उनके खिलाफ दर्ज मामलों में कोई वकील पैरवी के लिए आगे नहीं आएगा। चुनावी माहौल में आचार संहिता लागू होने के बाद एम्स की माग को लेकर इस तरह की हड़ताल का कोई फायदा होगा नहीं, ये बात डाक्टरों को समझनी चाहिए। वकीलों ने चेतावनी के साथ ही डाक्टरों से अपील भी की है कि वे हड़ताल समाप्त कर काम पर लौट आएं। बुद्धि-शुद्धि यज्ञ व प्रदर्शन में कई वकील शामिल रहे।

बीएचयू में संघर्ष एक नहीं अनेक

बीएचयू में कल केंद्रीय कार्यालय, आइआइटी निदेशक कार्यालय व चिकित्साधीक्षक कार्यालय पर धरना व घेराव का आलम बना रहा। केंद्रीय कार्यालय पर शिक्षा संकाय के छात्रों ने फीस वृद्धि के विरोध में धरना दिया। आइआइटी के छात्रों ने उपस्थिति मानक प्रणाली में संशोधन के लिए निदेशक कार्यालय घेरा वहीं चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय पर नर्सिंग स्टाफ ने अपने वेतन संबंधित मागों को लेकर एमएस प्रो. यूएस द्विवेदी का घेराव किया।


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